यह परामर्श सुरक्षा प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है ताकि संवेदनशील सूचनाओं का दुरुपयोग न हो सके।
रेलवे प्रशासन ने सभी जोन के कर्मचारियों को इस संबंध में एक विस्तृत निर्देशिका जारी की है। इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि सैन्य कर्मियों की आवाजाही, उनकी इकाइयों, हथियारों या अन्य साजो-सामान की जानकारी किसी भी ऐसे व्यक्ति को न दी जाए जो अधिकृत न हो। इसी तरह, वीआईपी की यात्रा की जानकारी, जैसे कि उनकी यात्रा का समय, मार्ग और सुरक्षा व्यवस्था भी गोपनीय रखी जानी चाहिए।
रेलवे का यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति उसकी गंभीरता को दर्शाता है। कर्मचारियों को यह भी याद दिलाया गया है कि किसी भी संदिग्ध गतिविधि या अनाधिकृत पूछताछ की सूचना तुरंत अपने उच्च अधिकारियों को दें। रेलवे का मानना है कि कर्मचारियों की सतर्कता और सहयोग से सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया जा सकता है।


