चराईदेव जिले के जलहा गांव की एक महिला ने 2012 में अंधविश्वास से प्रेरित भीड़ की क्रूरता के कारण अपनी जान गंवा दी थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने इस मामले में सभी 23 आरोपियों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह फैसला 13 साल बाद आया है, जब भीड़ ने महिला पर जादू टोना करने का आरोप लगाते हुए उसकी हत्या कर दी थी। इस घटना ने पूरे इलाके को हिलाकर रख दिया था और अंधविश्वास के नाम पर होने वाली हिंसा पर सवाल खड़े किए थे।
अदालत का यह फैसला पीड़ितों के परिवार के लिए एक बड़ी राहत के रूप में आया है, जिन्होंने इतने सालों तक न्याय के लिए इंतजार किया। यह फैसला समाज में अंधविश्वास और इस तरह की बर्बर प्रथाओं के खिलाफ एक कड़ा संदेश भी देता है।



