
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जून से तीन देशों की महत्वपूर्ण यात्रा पर निकलेंगे, जिसका उद्देश्य भारत के वैश्विक संबंधों को और मजबूत करना है। साथ ही साइप्रस तथा क्रोएशिया का भी दौरा करेंगे। यह दौरा भारत की सक्रिय विदेश नीति और बहुपक्षीय मंचों पर उसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
अपनी यात्रा के पहले चरण में, प्रधानमंत्री मोदी 15-16 जून को साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडौलाइड्स के निमंत्रण पर वहां का दौरा करेंगे। विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह दो दशकों से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का साइप्रस का पहला दौरा होगा, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को नई ऊर्जा देगा। साइप्रस की राजधानी निकोसिया में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति क्रिस्टोडौलाइड्स के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और लिमासोल में व्यापारिक नेताओं को संबोधित करेंगे। विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि यह यात्रा दोनों देशों की द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने और भूमध्यसागरीय क्षेत्र तथा यूरोपीय संघ के साथ भारत की भागीदारी को मजबूत करने की साझा प्रतिबद्धता की पुष्टि करेगी। मंत्रालय ने यह भी रेखांकित किया कि यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का क्रोएशिया का पहला दौरा होगा, जो द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।
यात्रा के दूसरे चरण में, प्रधानमंत्री मोदी 16-17 जून को कनाडाई प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के निमंत्रण पर G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए कनाडा के कानानास्किस जाएंगे। G7 जैसे प्रतिष्ठित वैश्विक मंच पर भारत की उपस्थिति अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दौरा विभिन्न देशों के साथ भारत के संबंधों को नई गति देगा, व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देगा और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत करेगा, जिससे वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने में सहायता मिलेगी।