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विदेश छोड़ पंजाब लौटे बलबीर सिंह, फूलों की खेती से रचा सफलता की कहानी.
अमृतसर: जब कई युवा बेहतर अवसरों की तलाश में विदेश जाते हैं, वहीं बलबीर सिंह अपने देश में ही सफलता की मिसाल बने हैं।
इंग्लैंड में 2011 में वर्क परमिट पर गए बलबीर, कुछ महीनों बाद वापस लौटकर अपना कारोबार शुरू किया, जिससे आज कई परिवारों को रोजगार मिल रहा है।
विदेश में संघर्ष और भारत लौटने का फैसला
- इंग्लैंड में नौकरी के दौरान एक नियोक्ता ने वेतन नहीं दिया, जिससे बलबीर को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
- होटल में डबल शिफ्ट में काम करने के दौरान, एक महिला से मुलाकात हुई, जिन्होंने उन्हें खेती में संभावनाएं तलाशने की सलाह दी।
- पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण वर्क परमिट की समाप्ति से पहले ही पंजाब लौटने का फैसला किया।
पंजाब में नई शुरुआत
- पारंपरिक खेती छोड़कर फूलों की खेती शुरू की।
- लुधियाना कृषि विभाग से मार्गदर्शन लेकर गेंदा फूल उगाने का फैसला किया।
- पहले कलकत्ता से बीज मंगाए जाते थे, लेकिन अब अमृतसर में ही खेती हो रही है।
- फूलों की मांग मंदिरों और शादियों में बढ़ने से कारोबार फल-फूल रहा है।
कई परिवारों को मिल रहा रोजगार
- बलबीर सिंह अपनी सफलता को दूसरों के साथ साझा कर रहे हैं।
- उनकी खेती से कई स्थानीय किसानों और मजदूरों को आय का जरिया मिला।



