ओबुलवारिपल्ली-कृष्णपट्टनम रेल मार्ग पर 7.5 किलोमीटर लंबी सुरंग बनकर तैयार हो गई है, जो दक्षिण भारत की सबसे लंबी सुरंग है। यह एक इंजीनियरिंग चमत्कार है, जिसने चुनौतीपूर्ण भौगोलिक परिस्थितियों में भी निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित की है।
इस सुरंग के निर्माण पर 470 करोड़ रुपये की लागत आई है। यह सुरंग चेर्लोपल्ली में घने वन क्षेत्र से होकर गुजरती है, जिससे रेल यातायात को सुगम बनाया जा सके। इस सुरंग के बनने से मालगाड़ियों को माल ढुलाई के लिए एक नया और सीधा मार्ग मिल गया है।
इस परियोजना से न केवल रेल यातायात में तेजी आएगी, बल्कि यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। यह भारतीय रेलवे की इंजीनियरिंग क्षमताओं का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।


