लद्दाख प्रशासन ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत उनकी हिरासत को उचित ठहराया है। प्रशासन ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया है कि वांगचुक के “भड़काऊ भाषणों” के कारण ही हाल ही में लेह में हिंसा भड़की थी।
लद्दाख प्रशासन ने अपने बयान में कहा, “यदि वह (वांगचुक) अपनी व्यक्तिगत और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से ऊपर उठ सकते थे, तो इस पूरे प्रकरण से बचा जा सकता था।” प्रशासन का तर्क है कि वांगचुक के बयानों ने क्षेत्र में अशांति और हिंसा को बढ़ावा दिया है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ है। प्रशासन का कहना है कि उन्होंने यह कार्रवाई क्षेत्र में शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए की है।
दूसरी ओर, वांगचुक के समर्थकों और नागरिक समाज समूहों ने इस गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। वे इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बता रहे हैं और उनकी तत्काल रिहाई की माँग कर रहे हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि वांगचुक पर लगाए गए आरोप राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं।



