वाराणसी में कोडीन फॉस्फेट कफ सिरप की अवैध उड़ान का खुलासा होते ही पूरे उत्तर भारत में हलचल मच गई। रांची से भेजी जा रही 100 करोड़ रुपये की कथित सप्लाई इस सिंडिकेट की ताकत दिखाती है। जांच में सामने आया कि यह नेटवर्क लंबे समय से सक्रिय था। वाराणसी पुलिस ने 93 थोक विक्रेताओं को चिन्हित कर उनकी भूमिका की पुष्टि की। इसी कड़ी में रांची के कई सप्लायर भी संदेह के घेरे में आए। इस अवैध कारोबार में कई राज्यों के गिरोह जुड़े थे।
रांची के कोतवाली थाना में 28 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। शिकायत ड्रग इंस्पेक्टर जुनाब अली द्वारा की गई। तुपुदाना स्थित शैली ट्रेडर्स इस नेटवर्क का प्रमुख हिस्सा बताया जा रहा है। फेंसेडाइल जैसे जहरीले कफ सिरप को सामान्य दवा की तरह सप्लाई किया जा रहा था। आरोपियों ने सप्लाई चेन को बेहद गोपनीय तरीके से संचालित किया। पुलिस ने कई फोन नंबर, दस्तावेज और लेन-देन के सबूत बरामद किए हैं। जांच का दायरा लगातार बढ़ रहा है। रैकेट के सरगना की पहचान की प्रक्रिया जारी है।
फेंसेडाइल का उपयोग नशे के तौर पर होता है और यह बेहद खतरनाक माना जाता है। धनबाद में पकड़ी गई खेप में भारी मात्रा में कोडीन पाया गया था। विशेषज्ञों का कहना है कि इतनी मात्रा मनुष्य के शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि युवाओं में इसके दुरुपयोग की दर बढ़ रही है। पुलिस इस पूरे मामले को साइकोट्रॉपिक ड्रग्स नियंत्रण कानून के तहत देख रही है। आने वाले दिनों में कई और गिरफ्तारियां संभव हैं। इस सिंडिकेट के खत्म होने से बड़ी राहत मिलेगी।


