गुमला : क्षेत्र में 23 वर्षों से आतंक फैलाने वाले झांगुर गिरोह के सरगना रामदेव उरांव के आत्मसमर्पण की प्रक्रिया तेज हो गई है. पुलिस सूत्रों के अनुसार रामदेव उरांव सहित गिरोह के दो प्रमुख उग्रवादी वर्तमान में हथियारों के साथ पुलिस के संपर्क में हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले कुछ दिनों में गिरोह के बाकी सदस्य भी पुलिस से संपर्क स्थापित करेंगे. उनके संपर्क में आने के बाद आधिकारिक आत्मसमर्पण की प्रक्रिया रांची जोनल आईजी के समक्ष पूरी की जाएगी.
झांगुर गिरोह ने वर्ष 2002 से गुमला, लोहरदगा, लातेहार और आसपास के इलाकों में दहशत फैलाई थी. गिरोह के सरगना रामदेव पर नरसंहार, अपहरण, गोलीबारी और आगजनी सहित 27 गंभीर मामले दर्ज हैं. गिरोह के अन्य सक्रिय सदस्यों पर भी आपराधिक मामलों की लंबी सूची है. इस गिरोह के समर्पण से क्षेत्र में शांति और सामान्य जीवन बहाल होने की संभावना बढ़ गई है.
सूत्रों के अनुसार हाल ही में 20 जनवरी 2025 को घाघरा के देवरागानी में पुलिस और गिरोह के बीच हुई मुठभेड़ के बाद रामदेव फरार हो गया था. फिलहाल पुलिस गिरोह की गतिविधियों पर करीबी नजर बनाए हुए है. ग्रामीणों में यह खबर राहत लेकर आई है और उम्मीद है कि लंबे समय से जारी उग्रवाद की समस्या अब समाप्त होगी.


