यूपी में 50 साल पूरा करने वाले पुलिसकर्मियों पर जबरन रिटायरमेंट की तलवार, इनकी दिवाली हो सकती है काली
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पुलिसकर्मियों को लेकर जारी एक आदेश इस समय चर्चा का विषय बन गया है। आदेश पीएसी मुख्यालय की ओर से जारी किया गया है। पीएसी मुख्यालय के आईजी की ओर से सभी पीएसी जोन के आईजी, डीआईजी और सेनानायक को पत्र भेजा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि ऐसे कार्मिक जो 31 मार्च 2023 को 50 वर्ष या इससे अधिक की आयु पूरी करते हों, उनकी अनिवार्य सेवानिवृति के लिए स्क्रीनिंग की कार्रवाई नियमानुसार पूरी कराएं। रिटायर किए जाने वाले कर्मियों की सूचना मुख्यालय स्तर पर 20 नवंबर तक उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। पिछले वर्षों में 40 से 45 पुलिसकर्मी इस दायरे में आकर जबरन रिटायर किए जाते रहे हैं। इस बार भी आंकड़ा इसी के आसपास रहने की उम्मीद की जा रही है। पीएसी मुख्यालय अभी स्क्रीनिंग प्रक्रिया पूरी होने की प्रतीक्षा की बात कर रहा है।
पीएसी मुख्यालय की ओर से जारी आदेश में निर्धारित समय सीमा के भीतर जानकारी अपर पुलिस महानिदेशक स्थापना को उपलब्ध कराने को कहा गया है। हालांकि, इस संबंध में अपर पुलिस महानिदेशक स्थापना संजय सिंघल का कहना है कि यह प्रक्रिया हर साल अपनाई जाती है। 50 से 51 साल की आयु वर्ग के ही पुलिसकर्मियों को ही इस स्क्रीनिंग के दायरे में लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हर साल इस प्रकार की कार्रवाई होने के कारण 51 साल की आयु से ऊपर के पुलिसकर्मियों की पहले ही स्क्रीनिंग हो चुकी है। इस बार की स्क्रीनिंग में जिन पुलिसकर्मियों के नाम आएंगे, उनकी दिवाली काली हो सकती है।
स्क्रीनिंग में होगी इन पहलुओं की जांच
यूपी सरकार की ओर से जबरन रिटायरमेंट स्कीम के तहत पुलिसकर्मियों के विभिन्न पहलुओं की जांच की जाएगी। पुलिसकर्मियों के फिटनेस से लेकर उन पर लगे आरोपों तक की पड़ताल की जाएगी। खराब ट्रैक रिकॉर्ड वाले कर्मचारियों को इस अनिवार्य सेवानिवृति के दायरे में लाया जाएगा। पीएसी मुख्यालय के आदेश के बाद अब पीएसी के स्तर पर पुलिसकर्मियों की स्क्रीनिंग शुरू हो रही है। इसके तहत तैयार की जाने वाली रिपोर्ट में अगर कोई पुलिसवाला दागी, भ्रष्ट या वर्क एथिक्स के खिलाफ काम करता पाए जाने वाले को शामिल किया जाएगा।
स्क्रीनिंग में एनुअल कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट को भी प्रमुखता दी जाएगी। इसमें पुलिस कर्मियों का मूल्यांकन, उनका चरित्र, व्यवहार, कार्यक्षमता और योग्यता की जानकारी रहेगी। स्क्रीनिंग कमेटी 50 वर्ष की आयु पूरी कर चुके कर्मचारियों पर इसी के जरिए फैसला लेगा। यूपी सरकार की ओर से कानून व्यवस्था को सही प्रकार से लागू किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। इस क्रम में फिट पुलिसकर्मियों को ही मैदान में रखने की योजना पर योगी सरकार काम करती दिखती है।




