
पश्चिम बंगाल के बैरकपुर से भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। अर्जुन सिंह TMC महासचिव अभिषेक बनर्जी के सामने पार्टी की सदस्यता ली। सिंह 2019 चुनाव से पहले भाजपा में आए थे और बैरकपुर से सांसद बने थे। सिंह बंगाल विधानसभा में भाटपारा से 4 बार विधायक रह चुके हैं। पिछले 11 महीने में बंगाल भाजपा 5 बड़े नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है।
सुबह से नहीं उठा रहे थे हाईकमान का फोन
अर्जुन सिंह पिछले 6 महीने से लगातार साइड लाइन होने की वजह से नाराज चल रहे थे। सिंह के अभिषेक बनर्जी से मुलाकात की खबर के बाद भाजपा उन्हें मनाने के लिए एक्टिव हुई, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उन्होंने हाईकमान का फोन रिसीव नहीं किया।
बैरकपुर में तृणमूल के पास नहीं था कोई बड़ा चेहरा
2019 के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद अर्जुन सिंह ने भाजपा का दामन थाम लिया था। तृणमूल के दिग्गज नेता दिनेश त्रिवेदी को बैरकरपुर सीट से हराया था। हालांकि, 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले त्रिवेदी भी भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद यहां तृणमूल के पास कोई बड़ा चेहरा नहीं बचा था।
जूट मिल का मुद्दा बना पार्टी छोड़ने का अहम कारण
अर्जुन सिंह पिछले कई महीनों से जूट किसानों की मांग को लेकर अपने ही सरकार के खिलाफ हमलावर थे। दरअसल, केंद्रीय जूट आयोग ने कच्चे जूट की कीमतें तय कर दी, जिसके बाद बंगाल में कच्चे जूट जरूरत से भी कम मिलने लगा। इसको लेकर सिंह लगातार केंद्र के खिलाफ मुखर रहे।
सिंह जिस क्षेत्र से आते हैं, वो जूट मिल का गढ़ कहा जाता है। वहां पर 20 में से 10 मिलें पिछले दिनों बंद हो गई थी। इसके बाद से ही सिंह अपनी उपेक्षा के चलते हाईकमान से नाराज चल रहे थे।
11 महीने में 5 बड़े नेताओं ने BJP को अलविदा कहा
बंगाल चुनाव में सफलता नहीं मिलने के बाद जून 2021 में कद्दावर नेता मुकुल रॉय ने भाजपा छोड़ दी थी। इसके बाद राजीब बनर्जी, बाबुल सुप्रीयो, विश्वजीत दास जैसे नेताओं ने भी तृणमूल का दाम थाम लिया। राजीब बनर्जी त्रिपुरा प्रभारी हैं, जबकि बाबुल सांसदी छोड़ विधायक बने हैं।
Source : Dainik Bhaskar



