हालांकि, नगर निगम की आपातकालीन टीम और पुलिस ने समय रहते पहुंचकर उनकी जान बचाई।
सूत्रों के मुताबिक, बुजुर्ग दंपत्ति पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और इलाज के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। इसी निराशा के चलते उन्होंने यह कदम उठाने का फैसला किया।
पड़ोसियों ने दंपत्ति को घर में बंद देखकर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और दंपत्ति को बेहोशी की हालत में पाया।
नगर निगम की आपातकालीन टीम ने भी इस घटना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीम के सदस्यों ने दंपत्ति को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की और उन्हें अस्पताल पहुंचाया।
इस घटना ने एक बार फिर समाज में बुजुर्गों के प्रति संवेदनशीलता की जरूरत पर जोर दिया है। स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे बुजुर्गों को मानसिक और भावनात्मक सहयोग प्रदान करना बहुत जरूरी है ताकि वे इस तरह के कदम न उठाएं।



