जोहार! नमस्कार! भारत के सभी नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक का स्वागत करती हूँ: द्रौपदी मुर्मू झारखंड की पहली महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को सुबह 10:15 बजे संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में भारत के 15वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली।
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमण ने उन्हें देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद अपने संबोधन में द्रौपदी मुर्मू ने कहा, नमस्कार! मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूँ। आपकी आत्मीयता, विश्वास और सहयोग मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में बहुत बड़ी ताकत होंगे।”
राजनीतिक जीवन की शुरुआत आजादी के 50वें वर्ष में
शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मेरे निर्वाचन में देश के गरीबों का आशीर्वाद है और देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है।
सभी सांसदों और विधायकों का आभार
आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है।
व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति पद तक पहुंचना उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत के प्रत्येक गरीब की उपलब्धि है और उनका इस शीर्ष संवैधानिक पद पर निर्वाचन इस बात का सबूत है कि भारत में गरीब सपने देख सकता है और उन्हें पूरा कर सकता है। भारत के प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण ने मुर्मू को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है, जब हम अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। यह भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था।
राष्ट्रपति ने कहा कि मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूँ जिसका जन्म आजाद भारत में हुआ है। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने आजाद हिंदुस्तान के हम नागरिकों से जो अपेक्षाएं की थीं, उनकी पूर्ति के लिए इस अमृतकाल में हमें तेज गति से काम करना होगा। मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति के पद तक पहुंचना मेरी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है।
कठिनाई से हासिल की उपलब्धि
निर्वाचन में गरीबों का आशीर्वाद
उन्होंने कहा कि यह हमारे लोकतंत्र की ही शक्ति है कि उसमें एक गरीब घर में पैदा हुई बेटी, दूर-सुदूर आदिवासी क्षेत्र में पैदा हुई बेटी, भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंच सकती है। उन्होंने कहा कि उनके इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है।
निर्वाचन में युवाओं की भूमिका अहम
संबोधन में कवि भीम भोई की कविता का उल्लेख उन्होंने कहा कि मैं आज समस्त देशवासियों को, विशेषकर भारत के युवाओं को और भारत की महिलाओं को विश्वास दिलाती हूँ कि इस पद पर कार्य करते हुए मेरे लिए उनके हित सर्वोपरि होंगे। उन्होंने कहा कि जगत कल्याण की भावना के साथ, मैं आप सबके विश्वास पर खरा उतरने के लिए पूरी निष्ठा और लगन से काम करने के लिए सदैव तत्पर रहूंगी।
शपथ ग्रहण से पहले बापू को श्रद्धांजलि
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ ग्रहण समारोह से पहले राजघाट स्थित महात्मा गांधी के स्मारक पर सोमवार सुबह पुष्पांजलि अर्पित की। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने संसद भवन के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में मुर्मू को देश की 15वीं राष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 21 तोपों की सलामी दी गई और इसके बाद उन्होंने संबोधित किया।