World

AI स्पेस में टैलेंट से भरा पड़ा है भारत फिर पूरी क्यों नहीं हो रही है मांग? आपको ये बातें जान लेनी चाहिए

इस साल की शुरुआत में नैसकॉम की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में एआई प्रफेशनल्स की सबसे अधिक मौजूदगी भारत के शहरों में है। देशभर के तकनीकी केंद्र शीर्ष स्तर की AI प्रतिभा को आकर्षित और पोषित करने में सक्षम हैं और बेंगलुरु, AI प्रतिभा के मामले में सैन फ्रांसिस्को के बाद दूसरे स्थान पर है। एक मजबूत तकनीकी क्षेत्र और जीवंत स्टार्टअप संस्कृति का मतलब है कि AI टैलेंट की मांग अधिक है। नैसकॉम का कहना है कि अमेरिका में उपलब्ध टैलेंट और AI वर्कर्स की मांग के बीच सबसे बड़ा अंतर है और इस सूची में भारत दूसरे स्थान पर है। यानी, भारत में एआई के क्षेत्र में रोजगार के बहुत ज्यादा मौके उपलब्ध हैं।

एआई टैलेंट की भारत में कोई कमी नहीं

इंजीनियरिंग भारत में एक लोकप्रिय करियर होने के साथ ही कंप्यूटर साइंस, डेटा एनालिटिक्स आदि में प्रशिक्षण कार्यक्रमों ने AI रिसर्च के लिए टैलेंट पूल को बढ़ाया है। इसके अलावा देश की बड़ी आबादी मशीन लर्निंग के लिए एक वरदान है जो बड़े डेटासेट पर निर्भर करता है। इसलिए भारत में AI लीडर बनने की क्षमता है।

लेकिन ये दिक्कत भी

लेकिन अपने टैलेंट बेस के बावजूद, बुनियादी ढांचे में पर्याप्त निवेश और मददगार नीतियों की कमी ने विकास को बाधित किया है। देश ने ई-गवर्नेंस और अपने स्मार्ट सिटी प्रॉजेक्ट में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन हमें हाई-स्पीड इंटरनेट, क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर और साइबर सिक्यॉरिटी में अधिक निवेश करने की आवश्यकता है।

Existing AI Talent Base vs Demand

किस देश में एआई टैलेंट की डिमांड-सप्लाई का हिसाब

एआई स्पेस में निवेश में पीछे हैं हम

उदाहरण के लिए, अमेरिका को लें। उसने बीते वर्ष 2022 में एआई में 47.4 अरब डॉलर के निवेश के साथ G20 देशों का नेतृत्व किया और इस क्षेत्र में 542 नई कंपनियों ने काम शुरू किया। वहीं, बीते वर्ष भारत 3.2 अरब डॉलर के निवेश के साथ पांचवें स्थान पर था और AI स्पेस में 57 नई कंपनियां खुलीं।

Investment in AI Space

जहां सुधार की है जरूरत

यूके का न्यूज आउटलेट टॉरटॉइज मीडिया द्वारा प्रकाशित एआई क्षमताओं के सूचकांक में भारत प्रतिभा के मामले में टॉप पर है, लेकिन अन्य प्रमुख पहलुओं पर बहुत पिछड़ रहा है। प्रतिभा उप-सूचकांक देश के भीतर एआई विशेषज्ञों की भौगोलिक उपस्थिति के स्तर, उनकी आवाजाही और उनके लिए बदलती आपूर्ति और मांग को परिभाषित करता है। भारत की समग्र रैंकिंग 2019 में 162 देशों में से 18 से अब 14 हो गई है। फिर भी यह बुनियादी ढांचे, सरकारी रणनीति, अनुसंधान और विकास जैसे पैमानों पर फिसल गया है।

Where improvements are needed in AI space

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button