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नीतीश को थी आपत्ति… विपक्ष के ‘INDIA’ की इनसाइड स्टोरी, जब बदलना पड़ गया ‘D’ का मतलब

विपक्षी दलों की बेंगलुरु में हुई महाबैठक में सियासत के कई रंग दिखे। कोई लाल रंग की टोपी में बैठा था तो किसी ने पारंपरिक कश्मीरी टोपी लगाई थी। लालू को फिर से एक्शन देख सियासत मुस्कुरा रही थी। ऐसे 26 विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से हटाने के लिए 2024 में ‘इंडिया’ दांव चला। साफ हो गया है कि भाजपा की अगुआई वाले एनडीए को विपक्षी दलों का I.N.D.I.A. चुनौती देगा। कल दोपहर बाद जब विपक्षी मोर्चे का नाम INDIA करने की खबरें आने लगीं तो पहले कहा गया कि इंडियन नेशनल डेमोक्रैटिक इन्क्लूसिव अलायंस होगा लेकिन कुछ देर बाद D का मतलब कुछ और आया। औपचारिक घोषणा में पता चला कि ‘इंडिया’ का फुल फार्म ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलांयस’ होगा। हालांकि इस नाम पर सभी सहमत नहीं थे। बताते हैं कि गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. रखने का प्रस्ताव कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रखा। उन्होंने पहले इस पर ममता बनर्जी की सहमति मांगी। ममता को यह पसंद आया। आखिरकार सहमति बनी लेकिन आपत्ति किसे थी, यह जानना दिलचस्प है। यह भी कि डी का फुल फॉर्म क्यों बदला गया।

राहुल और ममता की जुगलबंदी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक INDIA नाम रखने के पीछे कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस की जुगलबंदी समझ में आती है। हालांकि एक समय नए नाम पर सभी दल राजी नहीं थे। सूत्रों ने बताया कि बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार ने सवाल उठाते हुए कहा कि राजनीतिक गठबंधन का नाम I.N.D.I.A. कैसे रखा जा सकता है?

पटना में 23 जून को हुई विपक्ष की बैठक में 16 पार्टियां शामिल हुई थीं। बेंगलुरु बैठक में यह संख्या बढ़कर 26 पहुंच गई। सूत्रों ने बताया है कि अलायंस के लिए नया नाम राहुल ने सुझाया था लेकिन वह चाहते थे कि कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल इस पर पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की राय पहले ले लें। बताते हैं कि वह झट से राजी हो गईं, बस N को नेशनल की जगह ‘न्यू’ करने की सलाह दी।

D मतलब डेमोक्रैटिक या डेवलपमेंटल?
इसके बाद D के फुल फॉर्म को लेकर अनौपचारिक चर्चा शुरू हुई। डी का नाम डेमोक्रैटिक रखा जाए या डेवलपमेंटल? सूत्रों ने बताया कि सोमवार रात डिनर के बाद ही कुछ नेता नाम पर चर्चा करने के लिए साथ बैठे थे। आधी रात तक चर्चा चलती रही। इसी दौरान यह भी बताया गया कि मंगलवार बैठक में ममता इस नाम का प्रस्ताव रखें।

नीतीश कुमार को आपत्ति!
स्क्रिप्ट के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संबोधन के बाद TMC चीफ ने ही नाम का प्रस्ताव रखा। सूत्रों ने बताया कि नीतीश कुमार ने इस पर सवाल उठाया। लेफ्ट के नेता भी चकित रह गए। सीतीराम येचुरी, डी. राजा और जी. देवराजन भी इस नाम से संतुष्ट नहीं लगे और बैठक के बीच में मंत्रणा शुरू हो गई।

केजरीवाल बोले, सीट शेयरिंग ज्यादा जरूरी
येचुरी ने V (Victory) for India या We for India का सुझाव दिया लेकिन कई नेताओं ने कहा कि यह सुनने में कैंपेन स्लोगन लगता है। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि गठबंधन को नाम देने से ज्यादा महत्वपूर्ण सीट शेयरिंग पर फैसला है। येचुरी ने भी कहा कि हां, सीट शेयरिंग ज्यादा जरूरी है। उन्होंने केरल और बंगाल का उदाहरण देते हुए पूछा कि कांग्रेस कैसे आगे बढ़ेगी क्योंकि इन राज्यों में लेफ्ट और कांग्रेस पारंपरिक विरोधी हैं।

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