क्रेमलिन पर ड्रोन हमला यूक्रेन के लिए बड़ी जीत कैसे, जेलेंस्की ने पुतिन को दे दिया ‘कत्ल’ वाला संदेश
मॉस्को: रूस ने आरोप लगाया है कि मंगलवार रात को यूक्रेन ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की हत्या के प्रयास में क्रेमलिन पर दो ड्रोन से हमला किया। क्रेमलिन ने इस हमले को आतंकवादी कृत्य करार दिया है और बदला लेने की बात कही है। क्रेमलिन ने यह भी बताया है कि रूसी सेना और सुरक्षबलों ने पहले ही दोनों ड्रोन को निष्क्रिय कर दिया। हालांकि, वीडियो में दोनों ड्रोन एक के बाद एक क्रेमलिन की एक बुर्ज से टकराते हुए देखे गए। ड्रोन के मलबे क्रेमलिन के अंदर गिरे हैं। हालांकि, रूसी अधिकारियों ने दावा किया है कि इस हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है। इसके बावजूद माना जा रहा है कि यह हमला पुतिन के लिए एक खास संदेश है। पुतिन के आदेश पर रूसी सेना लगभग डेढ़ साल से यूक्रेन पर बमों की बारिश कर रही है।हमले के वक्त क्रेमलिन में नहीं थे पुतिन
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती को बताया कि पुतिन उस समय क्रेमलिन में नहीं थे और नोवो-ओगारियोवो निवास से काम कर रहे थे। रूसी राष्ट्रपति के आधिकारिक कार्यालय को क्रेमलिन कहते हैं। क्रेमलिन ने कहा कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सुरक्षित हैं और अपने कार्यक्रम में कोई बदलाव किए बगैर काम कर रहे हैं। यूक्रेन की तरफ से इन आरोपों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई है। क्रेमलिन ने कथित घटना से संबंधित कोई सबूत पेश नहीं किया। क्रेमलिन ने कहा है कि वह घटना को नौ मई को रूसी विजय दिवस से पहले पुतिन की हत्या के प्रयास के तौर पर देखता है। क्रेमलिन के प्रवक्ता पेस्कोव ने कहा कि सैन्य परेड उस दिन अपने निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक होगी।
यूक्रेन का हमला पुतिन के लिए संदेश कैसे
विशेषज्ञों का कहना है कि क्रेमलिन पर यूक्रेनी ड्रोन हमला पुतिन की हत्या का प्रयास न होकर एक प्रतीकात्मक था। इसका रूस और पुतिन के ऊपर मनोवैज्ञानिक प्रभाव जरूर पड़ेगा। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स के न्यूक्लियर इंफॉर्मेशन प्रोजेक्ट के डायरेक्टर हंस क्रिस्टेंसन ने कहा कि हमले का मकसद पुतिन के दिल में दहशत पैदा करना था। पुतिन इस हमले से अपनी भी सुरक्षा की फिक्र करेंगे। यह हमला 9 मई को होने वाले रूसी विक्ट्री परेड के ठीक पहले किया गया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की भी फिनलैंड का दौरा करने वाले हैं, जो अभी-अभी रूस विरोधी सैन्य संगठन नाटो का सदस्य बना है। ऐसे में दिखाता है कि हमले का समय जानबूझकर चुना गया है, ताकि इसका दूर तक संदेश जाए।




