केरल की जिस मुस्लिम लीग को सेक्युलर बता रहे राहुल गांधी उसके खिलाफ थे नेहरू, जानिए जिन्ना कनेक्शन
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से अपनी पार्टी के गठबंधन का बचाव किया है। उन्होंने मुस्लिम लीग को पूरी तरह सेक्युलर बताया है, जिसमें कुछ भी नॉन सेक्युलर नहीं है। उन्होंने अमेरिका में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये बात कही। उनसे केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के साथ कांग्रेस के गठबंधन को लेकर सवाल किया गया था। राहुल गांधी के इस बयान को बीजेपी ने लपक लिया है और सवाल कर रही है कि जो पार्टी मजहब के आधार पर देश के बंटवारे के लिए जिम्मेदार है, वह सेक्युलर कैसे हो सकती है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मोहम्मद अली जिन्ना की मुस्लिम लीग और केरल वाली मुस्लिम लीग एक ही हैं या इनमें कोई अंतर है? दिलचस्प बात ये है कि राहुल गांधी ने जिस आईयूएमएल को सेक्युलर बताया है, पंडित नेहरू उसके गठन के खिलाफ थे। वह नहीं चाहते थे कि आजादी के बाद भारत में मुस्लिम लीग जैसी कोई पार्टी बने।बंटवारे के बाद भंग हो गई थी जिन्ना की मुस्लिम लीग
अलग पाकिस्तान की मांग को लेकर आंदोलन चलाने वाली ऑल इंडिया मुस्लिम लीग और केरल की मुस्लिम लीग एक नहीं हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना 1906 में ढाका में तब हुई थी जब भारत में ब्रितानी हुकूमत थी। दूसरी तरफ, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग की स्थापना आजादी के बाद 1948 में तत्कालीन मद्रास (आज चेन्नई) में हुई थी। ये चुनाव आयोग से मान्यता प्राप्त पार्टी है जो मुख्य तौर पर केरल में सक्रिय है। हालांकि, आईयूएमएल की जड़ें जिन्ना की मुस्लिम लीग में ही हैं। दरअसल, देश विभाजन के कुछ समय बाद ही ऑल इंडिया मुस्लिम लीग भंग कर दी गई थी। लेकिन उसके कुछ समय बाद ही तत्कालीन पश्चिमी पाकिस्तान (अब पाकिस्तान) में मुस्लिम लीग ने और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में ऑल पाकिस्तान अवामी मुस्लिम लीग ने उसकी जगह ले ली। इसी तरह भारत में उसकी जगह इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने ले ली।पाकिस्तान में मुस्लिम लीग और बांग्लादेश में बनी अवामी लीग
मुस्लिम लीग पाकिस्तान में बड़ी राजनीतिक ताकत बनकर उभरी। पड़ोसी देश में शुरुआती 6 प्रधानमंत्री मुस्लिम लीग से ही थे, हालांकि उनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा। सैन्य तानाशाह जनरल अयूब खान ने जब मार्शल लॉ लागू किया तो मुस्लिम लीग को भंग कर दिया। बाद में अयूब ने ही मुस्लिम लीग को फिर से राजनीतिक दल के तौर पर संगठित किया जो कई बार टूटी, जुड़ी, भंग और पुनर्गठित हुई और आज पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पार्टी मुस्लिम लीग (नवाज) के तौर पर वजूद में है। दूसरी तरफ, पूर्वी पाकिस्तान में अवामी मुस्लिम लीग ने शेख मुजिबुर्रहमान की अगुआई में बांग्लादेश की मुक्ति का आंदोलन चलाया। बांग्लादेश की मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना उसी अवामी लीग से हैं।




