पाकिस्तान में चीफ जस्टिस ने कहा- आरोपों पर आधारित है डिप्टी स्पीकर का फैसला
अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने और नेशनल असेंबली भंग होने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। पाकिस्तान के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने सुनवाई के दौरान इमरान सरकार के वकील बाबर अवान से NSC की बैठक के मिनट्स मांगे हैं। इसी मीटिंग में इमरान ने NSC के साथ विदेशी साजिश के सबूत वाला लेटर साझा करने का दावा किया था। साथ ही चीफ जस्टिस ने कहा- डिप्टी स्पीकर का फैसला तथ्य नहीं बल्कि आरोपों पर आधारित है।
इसी बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी में राष्ट्रपति ने 90 दिन के अंदर चुनाव कराने को कहा है।
इससे पहले SC के बाहर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान PTI के सांसद फवाद चौधरी की मीडिया से बहस हो गई। इसके बाद पत्रकारों ने फवाद चौधरी से माफी की मांग करते हुए कॉन्फ्रेंस का बायकॉट कर दिया।
फौज ने बढ़ाई खान की मुश्किल
इमरान खान ने रविवार को देश के नाम संदेश में दावा किया था कि नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की मीटिंग में फौज और ISI के चीफ भी मौजूद थे और इस मीटिंग में उन्होंने विदेशी साजिश वाला लेटर सबूत के तौर पर रखा था। खान का दावा था कि फौज और बदनाम खुफिया एजेंसी ने भी माना था कि इमरान सरकार के खिलाफ लाए अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विदेश ताकत का हाथ था।
बहरहाल, न्यूज एजेंसी से बातचीत में फौज के आला अफसरों ने साफ कर दिया है कि सरकार गिराने में किसी विदेशी ताकत का हाथ नहीं है। ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने एक आर्मी जनरल के हवाले से कहा- सरकार ने 27 मार्च तक इस बारे में जो भी बयान दिए, हम उनसे सहमत नहीं हैं। आर्मी चीफ भी इमरान और डिप्टी स्पीकर के बयानों को खारिज कर रहे हैं। इस बारे में सरकार को बता दिया गया है।
इलेक्शन कमीशन से भी झटका
इमरान सरकार के कई मंत्री अफवाह फैला रहे हैं कि इलेक्शन कमीशन ने 90 दिन के अंदर चुनाव कराने से इनकार कर दिया है। मंगलवार रात इलेक्शन कमीशन ने साफ कर दिया कि उसने कभी तीन महीने के अंदर चुनाव कराने से इनकार नहीं किया।
‘द डॉन’ से बातचीत में इलेक्शन कमीशन के एक अफसर ने कहा- हमने ये कभी नहीं कहा कि चुनाव कराने के लिए कम से कम 6 महीने तैयारी के लिए चाहिए। इस बारे में जो अफवाहें फैलाई जा रही हैं, अवाम उन पर कतई भरोसा न करे। संविधान के तहत हमारी जो भी जिम्मेदारियां हैं, हम उन्हें पूरा करने के लिए तैयार हैं। अगर तीन महीने में चुनाव कराए जाने हैं तो हम उसके लिए भी बिल्कुल तैयार हैं।
डिप्टी स्पीकर के कंधे पर बंदूक
जियो न्यूज के मुताबिक, पाकिस्तान की संसद के स्पीकर असद कैसर ने रविवार को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर अनुच्छेद 5 के तहत फैसला देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ही वहां के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी को संसद की कार्यवाही कराने के लिए नियुक्त किया गया था। इमरान खान इसी वजह से स्पीकर असद कैसर से बेहद नाराज हैं। उधर, इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने पाकिस्तान में फंडिंग रोक दी है। IMF ने कहा- पाकिस्तान में नई सरकार बनने के बाद ही फिर से फंडिंग शुरू की जाएगी।
Source : Dainik Bhaskar