राम मंदिर हो या कन्वीनर पर फैसला… कौन बनेगा करोड़पति जैसा क्यों हो जाता है कांग्रेस के लिए सीन?
फटाफट फैसले लेने में कांग्रेस का रिकॉर्ड हमेशा सवालों में रहा है। यहां तक 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने इसे बड़ा मुद्दा तक बनाया था। तब ‘पॉलिसी पैरालिसिस’ को लेकर कांग्रेस बुरी तरह घिर गई थी। देश की सबसे पुरानी पार्टी की यह कमजोरी शायद अब तक बनी हुई है। जिस तरह वह फैसले लेने में आगे-पीछे करती है उससे तो यही लगता है। मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में भी कांग्रेस की यह कमी दूर नहीं हो पाई है। राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होना हो या I.N.D.I.A के कन्वीनर पर फैसला, उसके के लिए हर सवाल कौन बनेगा करोड़पति जैसा बन जाता है। आखिर कांग्रेस के साथ इस दिक्कत का कारण क्या है? आइए, यहां समझने की कोशिश करते हैं।
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी को होना है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 6,000 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के अलावा सोनिया गांधी और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी समारोह के लिए आमंत्रित किया गया है। यह और बात है कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने पर कांग्रेस अब तक कोई फैसला नहीं ले पाई है।
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने पर अब तक नहीं फैसला
खरगे ने समारोह के लिए उन्हें भेजे गए निमंत्रण के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘मुझे निमंत्रण मिला है। प्रधानमंत्री मोदी के पूर्व प्रधान सचिव (मंदिर) ट्रस्ट के सचिव के साथ आए थे। उन्होंने मुझे आमंत्रित किया है। मैं इस पर बहुत जल्द फैसला करूंगा।’ यानी कुल मिलाकर कह सकते हैं कि अभी तक कांग्रेस नेताओं के समारोह में जाने या नहीं जाने को लेकर चीजें साफ नहीं हैं।



