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आजमगढ़ में स्कूल खुलने के बाद भी पैरेंट्स ने नहीं भेजे बच्चे, जांच करने पहुंची SIT टीम करेगी बड़े खुलासे

चिल्ड्रन कॉलेज में हुई छात्रा श्रेया तिवारी की मौत के बाद अब मामला दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। श्रेया तिवारी की मौत के मामले में बुधवार को जिला प्रशासन की बनायी गई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम घटनास्थल पर पहुंची। चार सदस्य टीम ने कई घंटे तक कॉलेज परिसर में बारीकी से छानबीन की और जरूरी पत्रावलियों को तलब किया।

कॉलेज पहुंची टीम में जिला विद्यालय निरीक्षक मनोज मिश्रा, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी वर्षा अग्रवाल, एक मजिस्ट्रेट और एक अभियंता थे। इस दौरान कॉलेज के मुख्य गेट को बंद कर दिया गया था और बाहर से मीडिया समेत किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश को रोक दिया गया था। कई घंटे की पड़ताल के बाद टीम बाहर निकली। जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि टीम मानकों के परीक्षण के लिए गई थी। इंफ्रास्ट्रक्चर और सुरक्षा मानकों की जांच की गई थी।

कॉलेज की मान्यता के संबंध में कागजात के बारे में पूछे जाने पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि इस संबंध में कॉलेज प्रबंधन से कहा गया है। जिसमें प्रबंधन ने शाम तक का समय मांगा है। कल तक इसका इंतजार किया जाएगा। जिला विद्यालय निरीक्षक ने यह भी कहा कि तमाम गाइडलाइंस के अनुसार काउंसलर की व्यवस्था स्कूल में होनी चाहिए लेकिन यह मैंडेटरी नहीं है।

कॉलेज परिसर में मैदान में होने की बात पर कहा कि इसकी फोटोग्राफी की गई है। कल तक निर्णय लिया जाएगा। कक्षा 8 तक की मान्यता के बाद भी 12वीं तक पढ़ाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर ऐसा है तो यह नहीं होना चाहिए।

ऐसे में उत्तर प्रदेश प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की बंदी के बाद आज 9 अगस्त को अभिभावक महासंघ की अपील के बाद आजमगढ़ में अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा है। प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया है।

जिसमें पुलिस की जांच के बाद स्कूल की प्रिंसिपल और क्लास टीचर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। प्रिंसिपल व क्लास टीचर पर आरोप है कि छात्र को प्रताड़ित किया गया। और उसे इतना टॉर्चर किया गया कि वह सुसाइड करने के लिए मजबूर हो गई।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के 8 अगस्त की बंदी के बाद अब अभावक संघ की अपील के बाद प्रदेश के अभिभावक भी एकजुट हो गए हैं। आजमगढ़ में आज अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल जाने से रोका है। अभिभावकों का मानना है कि प्राइवेट स्कूलों की मनमानी अब नहीं चलेगी वह जब चाहे तब स्कूल नहीं बंद कर सकते।

इस पूरे मामले पर अभिभावक मुकेश उपाध्याय से बातचीत करने पर उन्होंने बताया की अभिभावक बड़ी मेहनत से अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं। और पाई पाई जुटा करके अपने बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए स्कूल में भेजते हैं। लेकिन स्कूल जब चाहे तब स्कूल अपना बंद कर सकते हैं। यह प्राइवेट स्कूलों की मनमानी अब नहीं चलेगी अगर प्राइवेट स्कूल के शिक्षक एक हो सकते हैं। तो हम अभिभावक भी एक हो सकते हैं। और हमने आज अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजा है।

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