World

उम्र 59 साल, ताकत ऐसी कि दुनिया ने मानती है लोहा , MRF के मसल मैन की कहानी जानते हैं आप?

MRF टायर ने इतिहास रच दिया है। शेयर बाजार की सबसे महंगी शेयर बन गई है। एमआरएफ के एक शेयर की कीमत 1 लाख रुपये के पार हो चुकी है। 11 साल में एमआरएफ के शेयर 1200 रुपये से 900 फीसदी चढ़कर 1 लाख रुपये पर पहुंच गए हैं। जिस कंपनी की नींव एक बैलून बेचने वाले एक शख्स ने रखी, उसे भी नहीं पता था कि दिन उसकी कंपनी देश की सबसे बड़ी कंपनियों में शुमार हो जाएगी। के. एम मैमन मापिल्लई ( K.M. Mammen Mappillai) पहले गुब्बारा बेचते थे। साल 1946 में उन्होंने एणआरएफ की नींव रखी। कंपनी की मालिक से लेकर लोगो तक में कहानी छिपी है।

MRF के लोगो की कहानी

MRF के लोगो में एक हट्टा-कट्ठा आदमी हाथ में टायर उठाए दिख जाता है। इसे मसलमैन का नाम दिया गया। साल 1964 में MRF के मसलमैन का जन्म हुआ। कंपनी के बेरूत दफ्तर में इसका लोगो डिजाइन किया गया। बेरूत पहला देश था, जहां एमआरएफ के टायर्स निर्यात किए जाते थे। कंपनी को अलग पहचान दिलाने और दूसरों से अलग बनाने के लिए के. एम मैमन मापिल्लई को लोगो की जरूरत महसूस हुई।

किसने किया डिजाइन

एमआरएफ के मसलमैन लोगो को Alyque Padamsee ने डिजाइन किया था। उन्होंने दर्जनों ट्रक चालकों के साथ बात करने के बाद सर्वे के आधार पर ये लोगो डिजाइन किया। लोगो डिजाइन के लिए कंपनी ने कैंपेन चलाया था, जिसे Philip Eapen ने सपोर्ट किया था। फिलीप उस वक्त कंपनी की मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वो कंपनी के फाउंडर मापिल्लई के काफी करीबी थे। उन्होंने अपने 50 साल इस कंपनी को दिए थे।


ट्रक ड्राइवरों को समर्पित

एमआरएफ मसलमैन लोगो को डिजाइन करते वक्त Alyque Padamsee के दिमाग में एक ही तस्वीर थी कि वो ऐसा लोगो तैयार करें, जो टागरेट ऑडियंस समझ में आ सके। जब उन्होंने ट्रक ड्राइवर्स के साथ बात की, उन्होंने पाया कि ड्राइवर ऐसे टायर्स चाहते हैं, जो ताकतवर हो, मजबूत हो। देखने में पावरफुल हो। इसी सोच के साथ 1964 में एमआरएफ मसलमैन का जन्म हुआ। 1964 से आज तक ये मसलमैन भारी भरकम टायर को उठाए घूम रहा है। टीवी 1980 के दौरान टीवी विज्ञापनों में इनसे अपनी छाप छोड़ी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button