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दिमागी हालत बिगड़ी तो पढ़ाई छोड़ दी, 37 साल बाद दोबारा डॉक्‍टरी में एडमिशन…रुला देगी आगे की कहानी

नियति को कुछ और ही मंजूर था। तभी तो 53 साल के एक शख्‍स का डॉक्‍टर बनने का सपना धरा ही रह गया। उन्‍होंने 1986 में किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज लखनऊ में एमबीबीएस में एडमिशन लिया था। मानसिक संतुलन खराब होने की वजह से उन्‍हें पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ी। इसके बाद लंबा वक्‍त गुजर गया। 37 साल बाद उन्‍होंने सहपाठियों की मदद से फिर किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया। एक हफ्ते पहले छुट्टी पर वह अपने गांव आए थे। मंगलवार को एक कार्यक्रम में शामिल होकर लौटते समय पैर फिसलने से तालाब में डूब गए जिससे उनकी मौत हो गई। इस हादसे के बाद पूरे गांव में मातम छा गया है। गांव वालों के बीच इस बात की चर्चा तेज रही कि होनी शायद इसे ही कहते हैं।

यह घटना मोतिगरपुर थाना अंतर्गत गोपालपुर बड़ा गांव की है। यहां के रहने वाले कुलवंत सिंह (56) ने 1986 में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था। मानसिक संतुलन खराब होने की वजह से उनकी पढ़ाई छूट गई थी। करीब 37 साल गुजर जाने के बाद 2023 में उन्‍होंने एक बार फिर कॉलेज में पढ़ाई पूरी करने की ठानी।

पत्‍नी पुष्‍पा सिंह प्राइमरी स्‍कूल में शिक्षक

एक हफ्ते पहले कुलवंत सिंह छुट्टी होने पर घर आए थे। मंगलवार शाम वह लामा बनकढा गांव में आयोजित एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। देर रात पैदल घर लौटते समय गोपालपुर बड़ा गांव सेमवा के पास पैर फिसलने से वह तालाब में डूब गए। सुबह गांव के बच्चों ने जब तालाब में शव उतरता देखा तब ग्रामीणों को जानकारी हुई। ग्रामीणों ने शव को बाहर निकाला तो उनकी पहचान हो सकी। कुलवंत की मौत की सूचना मिलते ही घर पर कोहराम मच गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। बताया जा रहा है कि कुलवंत सिंह की पत्नी पुष्पा सिंह सुलतानपुर शहर में रहती हैं। वह प्राथमिक विद्यालय गोसाईगंज में शिक्षक हैं। उनकी पुत्री साक्षी सिंह बेंगलुरु में इंजीनियर हैं।

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