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ऑस्ट्रेलिया में 21 मई को चुनाव:चीन और महंगाई का मुद्दा सबसे ऊपर, बेरोजगारी और ब्याज दर बढ़ने से भी लोग खफा

ऑस्ट्रेलिया में इन दिनों चुनावी पारा गर्म है। 21 मई के दिन ऑस्ट्रेलिया के लोग अपनी नई सरकार चुनेंगे। प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन की लिबरल पार्टी और सहयोगी दल लगातार चौथी बार चुनाव जीतने की कोशिश में है। स्कॉट मॉरिसन के खिलाफ लेबर पार्टी के उम्मीदवार एंथनी अल्बनेसी हैं।

दोनों बड़ी पार्टियां चुनाव जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं। इस बार ऑस्ट्रेलियाई चुनावों में महंगाई और चीन सबसे बड़े मुद्दों के रूप में सामने आए हैं। खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान पर हैं। प्रॉपर्टी के दामों में लगभग 40% तक का उछाल देखा गया है। लोगों के लिए घर खरीदना मुश्किल हो गया है।

चीन के खिलाफ माहौल बना रहे स्कॉट मॉरिसन
पिछले दो साल के दौरान लोगों का वेतन 2% की दर से बढ़ा है। पीएम स्कॉट सुरक्षा को मुद्दा बनाकर जन सभाओं में चीन के खिलाफ माहौल बना रहे हैं। मॉरिसन की लिबरल पार्टी का आरोप है कि मुख्य विपक्षी दल, लेबर पार्टी को चीन आर्थिक मदद दे रहा है। इस बार मॉरिसन को ज्यादा मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं।

कोरोना के लंबे दौर से ऑस्ट्रेलिया में लाखों लोगों को रोजगार गंवाना पड़ा है। साथ ही सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में 3 मई को ही 0.35% की बढ़ोतरी की है। एक दशक से ज्यादा वक्त के बाद ब्याज दरें बढ़ी हें। लोग इससे खफा हैं। 2007 में ब्याज दरें बढ़ाने पर पीएम हावर्ड चुनाव हार गए थे। मॉरिसन से जब ये पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनकी सरकार को खतरा नहीं।

क्वॉड के नाम पर सुरक्षा की गारंटी दे रहे हैं पीएम स्कॉट
ऑस्ट्रेलिया के प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थित सोलोमन आइलैंड चीन के साथ नजदीकी बढ़ा रहा है। ऐसे में पीएम मॉरिसन लोगों को ऑस्ट्रेलिया, भारत, अमेरिका और जापान के क्वॉड संगठन का हवाला देकर सुरक्षा की गारंटी दे रहे हैं। जबकि लेबर पार्टी के एंथनी अल्बनेसी क्वॉड जनसभाओं में समर्थन या विपक्ष में सीधे कोई भी बयान देने से बच रहे हैं।

कोई भी सरकार आए भारत के साथ संबंध मजबूत रहेंगे
ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मामलों की जानकार नताशा झा भास्कर बताती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्कॉट मॉरिसन की गहरी दोस्ती की वजह से दोनों देशों के बीच कई ऐतिहासिक समझौते हुए हैं। ऑस्ट्रेलिया के संघीय चुनावों पर किसी भी पार्टी की सरकार बने, लेकिन वर्तमान वैश्विक अस्थिरता के बीच भारत और ऑस्ट्रेलिया के रिश्ते आने वाले समय में मजबूत ही बने रहेंगे।

Source : Dainik Bhaskar

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