5 बार असफल हुआ’ इस इंजीनियर ने नहीं मानी हार, IFS बनकर दिखाया!
लगातार सात साल तक असफलताओं के बाद पवन गुप्ता संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की भारतीय वन सेवा (आईएफएस) परीक्षा 2022 में 90वां (एआईआर) स्थान हासिल करने में सफल हुए। यूपीएससी परीक्षा क्लीयर करने के लिए उन्हें 5 बार असफलता का स्वाद चखना पड़ा। लेकिन, अपने दृढ़ संकल्प और धैर्य से आखिरकार उन्हें कामयाबी मिली।
आगरा के रहने वाले हैं पवन

पवन गुप्ता आगरा के रहने वाले हैं। वह एक ऐसी सेवा का हिस्सा बनना चाहते थे जहां उनके काम से बड़े पैमाने पर लोगों के जीवन में सुधार हो सके। उन्होंने देखा हुआ था कि कैसे अधिकारी लोगों के जीवन में बदलाव लाने की ताकत रखते हैं। कई बार की विफलता के बाद वह हतोत्साहित भी हो गए थे। लेकिन, अपनी असफलताओं की नकारात्मकता को खुद पर हावी नहीं होने दिया।
मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की

पवन गुप्ता ने 2015 में यूपीएससी की तैयारी शुरू की थी। हालांकि, उन्हें 2022 में जाकर सफलता हाथ लगी। अब वह एक आईएफएस अधिकारी है। पवन अपनी यात्रा के बारे में दूसरों को भी बताते हैं। वह तैयारी के दौरान सामान्य गलतियों से बचने की सलाह देते हैं। आगरा के साधारण व्यवसायी परिवार से आने वाले पवन ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। एनआईटी दुर्गापुर में कॉलेज के दौरान उन्हें यूपीएससी परीक्षा पास करने की प्रेरणा मिली। हालांकि, उन्होंने फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस हासिल करने के लिए ऑटोमोटिव मैन्यूफैक्चरिंग कंपनी में काम करने का फैसला किया।
कभी मेन्स में चूके तो कभी प्रीलिम्स ही नहीं निकला

कंपनी में नौकरी करते हुए भी पवन गुप्ता अपने सपनों के करियर को जाने नहीं दे सके। वह 2015 और 2016 में यूपीएससी परीक्षा के लिए तैयार करने के साथ नौकरी भी करते रहे। दुर्भाग्य से दोनों वर्षों में वह प्रारंभिक परीक्षा पास नहीं कर सके। वह पूरी तरह परीक्षा पर फोकस करना चाहते था। लिहाजा, दो साल बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी। पवन ने 2017 में फिर से परीक्षा दी। लेकिन, प्रीलिम्स से आगे नहीं बढ़ पाए। फिर 2018 में वह सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) और आईएफएस दोनों के लिए प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफल रहे। दोनों में से वह केवल आईएफएस मेन्स पास करने में कामयाब रहे। लेकिन इंटरव्यू राउंड में सफल नहीं हो सके।



