एफआईआर पर असंतोष व्यक्त किया
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने कर्नल कुरैशी पर राज्य के एक मंत्री के कथित आपत्तिजनक बयानों की जांच की निगरानी करने का फैसला किया है। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की खंडपीठ ने बुधवार को इस मामले में स्वतः संज्ञान लिया और मंत्री शाह के खिलाफ बुधवार शाम तक एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। अदालत ने इस मामले में दर्ज की गई एफआईआर पर असंतोष व्यक्त किया है।
उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की कि दर्ज की गई एफआईआर मंत्री द्वारा दिए गए बयानों की गंभीरता को पूरी तरह से प्रतिबिंबित नहीं करती है। अदालत ने पुलिस को निर्देश दिया है कि वह निष्पक्ष और व्यापक जांच सुनिश्चित करे और मामले में प्रगति की रिपोर्ट अदालत के समक्ष पेश करे। अदालत ने यह भी कहा कि वह इस जांच की नियमित रूप से निगरानी करेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि न्याय हो।
यह मामला तब सामने आया जब मंत्री ने कथित तौर पर कर्नल कुरैशी के खिलाफ कुछ विवादास्पद बयान दिए, जिससे सैन्य समुदाय और आम जनता में आक्रोश फैल गया। उच्च न्यायालय का हस्तक्षेप यह दर्शाता है कि न्यायपालिका ऐसे मामलों को कितनी गंभीरता से लेती है, खासकर जब वे राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य कर्मियों की गरिमा से जुड़े होते हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि पुलिस जांच में क्या निष्कर्ष निकलेंगे और अदालत इस मामले में आगे क्या निर्देश देती है।



