साथ रहिए, लेकिन भूल जाइए शादी की शहनाई! समलैंगिकता और समलैंगिक शादी पर क्या कहता है कानून!
सुप्रीम कोर्ट में दायर इन याचिकाओं में स्पेशल मैरिज एक्ट 1954 में बदलाव की मांग की गई है। स्पेशल मैरिज एक्ट साल 1954 में बनाया गया था और इसके तहत हर नागरिक को ये संवैधानिक अधिकार दिया गया है कि वो जिस धर्म या जाति में चाहे शादी कर सकते है। इसके लिए लड़के की उम्र 21 साल और लड़की की उम्र 18 साल रखी गई है।
एक्ट में शामिल लड़का, लड़की शब्द की जगह व्यक्ति इस्तेमाल हो!
समलैंगिक विवाह के पक्ष में रखी गई याचिका में इस एक्ट में बदलवा करने की मांग की गई है और कहां गया है कि इस एक्ट में शामिल शब्द लड़का और लड़की की जगह व्यक्ति शब्द का इस्तेमाल किया जाए। साथ ही उम्र को लेकर भी इस याचिका में बदलाव की मांग की गई है। याचिकाकर्ता के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि अगर किसी लड़के की लड़के से शादी होती है तो उम्र 21 साल रखी जाए जबकि अगर लड़की की लड़की से शादी होती है तो उम्र 18 साल तय की जाए।
दुनिया के 34 देशों में मान्य है सेम सेक्स मैरिज
समलैंगिक शादी को कई देशों में पहले ही मान्यता दी जा चुकी है। दुनिया के 34 देशों में समलैंगिक शादियां पहले ही मान्य हैं, जिनमें कई बड़े देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, जर्मनी, साउथ अफ्रीका शामिल हैं। इस मामले में कोर्ट में दोनों पक्ष अपनी-अपनी तरह से दलील दे रहे हैं। कोर्ट का फैसला इस शादी पर क्या होगा ये अभी नहीं कहा जा सकता, लेकिन समाज में ज्यादातर लोग इस तरह की शादी के खिलाफ हैं। इतने सालों बाद भी समलैंगिकता को ही समाज ने खुले दिल स्वीकार नहीं किया है और ऐसे में शादी जैसे पवित्र रिश्ते पर ये नई चोट भारतीय समाज के लिए पचाना आसान नजर नहीं आ रहा।




