World
Trending

छपरा में गंडक का जल स्तर 16 सेंटीमीटर घटा, गंगा और घाघरा में बढ़ोतरी, ग्रामीणों को सता रहा बाढ़ का खतरा

छपरा में गंडक नदी का जल स्तर पिछले 24 घंटे में 16 सेंटीमीटर घटा है. वहीं घाघरा का जल स्तर पिछले तीन दिनों से लगातार बढ़ रहा है. एक बार फिर से ग्रामीणों को बाढ़ का खतरा सताने लगा है.

बिहार के सारण जिले में फिर एक बार बाढ़ का खतरा सताने लगी है. गंडक, घाघरा व गंगा से घिरे सारण में बाढ़ का खतरा अभी भी मंडरा रहा है. हालांकि, गंडक का जल स्तर पिछले 24 घंटे में 16 सेंटीमीटर घटा है. वहीं घाघरा का जल स्तर पिछले तीन दिनों से लगातार बढ़ रहा है. घाघरा अभी खतरे के निशान से महज 14 सेंटीमीटर नीचे है. जबकि गंगा के जलस्तर में वृद्धि हुई है. बात करें गांधी घाट की तो पिछले दो दिनों में 21 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है. ऐसी स्थिति में बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के पदाधिकारी गंडक के जल स्तर घटने के बावजूद कटाव को लेकर जहां सतर्क है. वहीं घाघरा में बढ़ रहे जल स्तर को ले लोग परेशान दिख रहे है.

गंगा खतरे के निशान से महज 18 सेंटीमीटर नीचे

घाघरा का जल स्तर मंगलवार को सिसवन में 56.91 सेंटीमीटर मापा गया है. जबकि घाघरा के खतरे के निशान 57.04 सेंटीमीटर है. इसी प्रकार गंडक का जल स्तर तो पिछले 24 घंटे में घटा है. लेकिन, गंडक अभी खतरे के निशान से 20 सेंटीमीटर रेवा घाट के पास ऊपर बह रही है. वहीं गंगा का जल स्तर गांधी घाट के पास 48.48 सेमी मंगलवार की दोपहर मापा गया. ऐसी स्थिति में गंगा खतरे के निशान से महज 18 सेंटीमीटर नीचे है.

ग्रामीणों को सता रहा बाढ़ का खतरा

गंडक के बढ़े जलस्तर में अब लगातार गिरावट आ रही है. परंतु, गंडक के खतरे के निशान से ऊपर बहने के अलावें गंगा एवं घाघरा के जलस्तर में वृद्धि से सारण जिले के मांझी, रिविलगंज, छपरा सदर, छपरा शहर के दक्षिण स्थित दियारा क्षेत्र, दिघवारा, सोनपुर, गंडक नदी के किनारें बसें पानापुर, तरैया, मकेर आदि प्रखंडों के नीचे इलाकों में बाढ़ का पानी फैल रहा है. घाघरा का पानी बढ़ने के कारण लोक नायक जयप्रकाश नारायण की जन्मस्थली में बाढ़ की संभावना बनी हुई है.

फिर कई इलाकों में बाढ़ की आशंका

विभिन्न प्रखंडों के निचले इलाकों में बसे लोगों में जहां बाढ़ से बचाव को लेकर परेशानी दिख रही है. वहीं बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता के अनुसार पिछले चार दिनों से लगातार सारण तटबंध पर लगभग एक सौ विभागीय तकनीकी पदाधिकारी एवं कर्मियों के माध्यम से निगरानी करायी जा रही है. उन्होंने कहा कि गंडक के जलस्तर में शुरू होने से धीरे-धीरे खतरा टल रहा है. परंतु, घाघरा के जल स्तर में तेजी से बढ़ोत्तरी व गंगा में धीमी बढ़ोत्तरी से एक बार फिर कई इलाकों में बाढ़ की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता.

किसानों के खेतों में लगी फसलों को बाढ़ के पानी से क्षति

गंडक व घाघरा के निचले क्षेत्र में बसे ग्रामीणों के खेतों में लगी धान आदि के फसलों को नदियों का जलस्तर बढ़ने तथा बाढ़ आने के कारण क्षति हो रही है. किसानों को कहना है कि गंडक का पानी विभिन्न प्रखंडों में नीचले इलाकों में धान की फसल पानी से क्षतिग्रस्त हो रही है. अब जब घाघरा का पानी तेजी से बढ़ रहा है, तो बाढ़ नियंत्रण के कार्यपालक अभियंता के साथ अतिरिक्त पदाधिकारियों के माध्यम से घाघरा नदी पर बने बांधों की सुरक्षा के मद्देनजर भी निगरानी करायी जा रही है. वहीं दोनों नदियों के जलस्तर बढ़ने से जिले के विभिन्न नहरों व छोटी नदियों में भी जल स्तर बढ़ गया है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button