अभी रास्ते में ही हैं किसानों के कई जत्थे तब ये हाल, सोचिए दिल्ली-NCR वालों को आगे क्या झेलना होगा!
अभी आंदोलनकारी किसानों की पूरी जमात ठीक से पहुंची भी नहीं है कि दिल्ली की सीमाओं पर जनसैलाब उमड़ पड़ा है। हरियाणा से सटा शंभू बॉर्डर प्रदर्शन का मुख्य केंद्र बन गया है। यहां किसानों का हुजूम उमड़ पड़ा है जिसे नियंत्रित करने के लिए ड्रोन कैमरों से नजर रखी जा रही है। किसान सीमा पार करके दिल्ली में नहीं घुस सकें, इसके लिए सुरक्षा के काफी चाक-चौबंद इंतजाम किए गए हैं। बॉर्डर को सील कर दिया गया है और ड्रोनों से आंसू गैस बरसाए जा रहे हैं। आंदोलनकारी हिंसक हो रहे। पुलिस पर पथराव कर रहे है। फ्लाइवोर की रेलिंग तोड़ रहे हैं। इधर, नोएडा बॉर्डर पर सख्ती से गाड़ियों की लंबी कतारें लग गई हैं और सड़क पर लंबा जाम लग गया है। सोमवार की सुबह भी दिल्ली के कई इलाकों में भारी ट्रैफिक जाम लगे थे। खास तौर पर बाहरी, उत्तर-पश्चिम और मध्य दिल्ली में ट्रैफिक जाम की समस्या देखने को मिली। गाजीपुर और आनंद विहार को जोड़ने वाली सड़कें जाम रहीं, जबकि सिंघू बॉर्डर पर पाबंदियों के चलते वाहनों की आवाजाही धीमी रही। लेकिन यह तो झांकी है, दिल्ली-एनसीआर वालों की असली मुश्किल तो अभी आने वाली ही है। सोचिए, सारे किसान जब दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच जाएंगे तो क्या हाल होगा! सवाल है कि क्या इस बार भी किसान आंदोलन दिल्ली-एनसीआर वालों को लंबे वक्त तक रुलाएगा?
सोमवार से ही होने लगी परेशानी
पंकज सोमवार को गाजियाबाद की ओर जा रहे थे। उन्हें आनंद विहार में ट्रैफिक ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा। वो 30-40 मिनट तक वहीं फंसे रह गए। पंकज ने दिल्ली से बाहर निकलने में आ रही दिक्कतों को बयां किया। एक अन्य यात्री अमिताभ को बताया कि गुरुग्राम-दिल्ली बॉर्डर पर उन्हें किस तरह भारी जाम का सामना करना पड़ा। पूर्वी और मध्य दिल्ली को जोड़ने वाली सड़कों पर भी ट्रैफिक का यही हाल रहा।
जगह-जगह डायवर्जन
पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आगामी किसान विरोध से पहले दिल्ली की सीमाओं पर कमर्शल और प्राइवेट गाड़ियों के लिए डायवर्सन लागू किए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि तीनों सीमाओं पर 1,500 से अधिक ट्रैफिक पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा ताकि यातायात सुचारू रूप से चल सके। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) चिन्मय बिस्वाल ने आश्वासन दिया कि शहर के भीतर भी व्यापक इंतजाम किए गए हैं।



