‘केवल विपक्षी नेता ही क्यों?’ स्पीकर तक पहुंचा ऐपल मैसेज मामला, जानें आज के बड़े अपडेट
जब से ऐपल के मैसेज अलर्ट की बात सामने आई है विपक्षी नेता सरकार पर भड़के हुए हैं। राहुल गांधी से लेकर राघव चड्ढा, महुआ मोइत्रा से लेकर प्रियंका चतुर्वेदी ने दावा किया है कि उन्हें ‘सरकार प्रायोजित सेंधमारी की कोशिश’ का चेतावनी संदेश मिला है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि सैकड़ों विपक्षी नेताओं को ऐपल से उनके फोन को खतरे में डालने के सरकार प्रायोजित प्रयास के बारे में अलर्ट मिला। केवल विपक्षी नेता ही क्यों? विपक्षी नेताओं के फोन के साथ छेड़छाड़ करने में किसकी दिलचस्पी होगी? राहुल ने कहा, ‘जितनी जासूसी करनी है कर लो – हम डरने वाले नहीं, लड़ने वाले हैं।’ इस बीच मामला लोकसभा स्पीकर तक पहुंच गया है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने आज लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वह सदन के सदस्यों को संरक्षण प्रदान करें जिससे वे अपने कर्तव्य का निर्वहन करना जारी रख सकें। उन्होंने कहा कि यह सरकार द्वारा गैरकानूनी निगरानी है जो संविधान द्वारा दिए गए मौलिक अधिकारों पर सबसे बुरा हमला है।
उधर, सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष प्रतापराव जाधव ने बताया है कि अगर कोई इस मामले को उनके पास भेजेगा तो समिति कार्रवाई करेगी। कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष प्रतापराव जाधव से आग्रह किया है कि वह इस मामले में बैठक बुलाएं। सूत्रों ने बताया कि जाधव को लिखे पत्र में समिति के सदस्य कार्ति चिदंबरम ने उनसे उन सभी लोगों को बैठक में बुलाने का आग्रह किया है, जिन्हें ऐपल ( एप्पल) से चेतावनी संदेश मिले हैं। समिति की बैठक में एपल के प्रतिनिधियों को भी बुलाने की मांग की गई है।
शक की सुई सरकार की तरफ

चिदंबरम ने कहा कि पेगासस के रहस्य के बाद अब शक की सुई सरकार की एजेंसी की तरफ जा रही है। चिदंबरम ने यह भी कहा कि फिलहाल यह सिर्फ संदेह है। पी. चिदंबरम ने पेगासस के बाद अब ऐपल के अलर्ट पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार पर सवाल खड़ा किया तो भाजपा ने उन्हें याद दिलाया कि मनमोहन सिंह सरकार में जब वह गृह मंत्री हुआ करते थे तब तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की जासूसी हुई थी। चिदंबरम के एक्स पर लिखे पोस्ट पर रिप्लाई देते हुए भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कहा, ‘जब पूर्व वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के कार्यालय को बग किया गया था, तब आप गृह मंत्री थे। क्या इससे खतरे की घंटी बजती है, मिस्टर चिदम्बरम?’
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी नेता केसी वेणुगोपाल, शशि थरूर, पवन खेड़ा, सुप्रिया श्रीनेत और टी एस सिंहदेव, शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी को भी इसी तरह का संदेश मिला।
बिरला को लिखे पत्र में मोइत्रा ने कहा, ‘विपक्षी नेताओं को एक संदेश मिला है कि उन्हें सरकार प्रायोजित सेंधमारों द्वारा निशाना बनाया जा रहा है जो उपकरणों के साथ दूर से छेड़छाड़ करने और उनके डेटा, संचार तथा यहां तक कि कैमरा और माइक्रोफोन तक पहुंच बनाने का प्रयास कर रहे हैं।’ तृणमूल कांग्रेस की सांसद ने कहा, ‘उस पेगासस सॉफ़्टवेयर (केवल सरकारों को बेचा गया) के मामले के मद्देनजर यह खतरा दोगुना चौंकाने वाला है जिसका उपयोग 2019-2021 के दौरान विपक्ष के विभिन्न सदस्यों, असंतुष्ट पत्रकारों और सामाजिक संगठनों के सदस्यों के उपकरणों से छेड़छाड़ करने के लिए किया गया था।’



