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‘हकीम’ ने कहा था उनके पास ‘बाबा’ की दवाई है, टीएस समर्थकों ने की पिटाई, 1193 वोट लेकर हरवाया

हाल ही संपन्न हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा। चौंकाने वाली बात ये रही कि भूपेश बघेल सरकार के कई मंत्री इस चुनाव में हार गए। उनमें पार्टी के दिग्गज नेता और डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव (टीएस बाबा) भी शामिल हैं। टीएस सिंहदेव को बीजेपी नेता राजेश अग्रवाल ने महज 94 वोटों से हराया। अंबिकापुर विधानसभा सीट पर आए नतीजों से कांग्रेस समर्थक ही नहीं बड़े-बड़े सियासी दिग्गज भी चौंक गए। किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि टीएस बाबा चुनाव हार जाएंगे। वहीं टीएस बाबा की इस हार में कहीं न कहीं ‘हकीम’ के नाम से मशहूर अब्दुल मजीद का रोल अहम माना जाता है। बताया जा रहा कि नतीजों के बाद टीएस बाबा की हार से उनके समर्थक इतने आक्रोशित हुए कि हकीम अब्दुल मजीद पर ही अपना गुस्सा उतारा। उनके साथ मारपीट की गई।

‘हकीम’ के खेल से बिगड़ा टीएस बाबा का गणित

दरअसल, अब्दुल मजीद को एक समय कांग्रेस और टीएस सिंहदेव का समर्थक माना जाता था। हालांकि, चुनाव से ठीक पहले हकीम अब्दुल मजीद ने जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ज्वाइन कर लिया। जोगी की पार्टी ने हकीम को उम्मीदवार भी बना दिया। उधर टीएस सिंहदेव खेमे ने लगातार कोशिश की कि अब्दुल मजीद उनकी तरफ आ जाएं। हालांकि, ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। अब्दुल मजीद ने दावेदारी की और चुनाव में 1193 वोट हासिल किए। बस यही वो मत रहे जो निर्णायक साबित हुए।

बीजेपी कैंडिडेट से महज 94 वोट से हारे सिंहदेव

टीएस सिंहदेव अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजेश अग्रवाल से महज 94 वोटों से चुनाव हारे। उनकी इस शिकस्त में अब्दुल मजीद के 1193 वोट बेहद अहम साबित हुए। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें जो वोट मिले वो कहीं न कहीं टीएस बाबा के पक्ष में ही जाते। ऐसा माना जा रहा कि हकीम को मुस्लिम कम्युनिटी के ही वोट आए। ऐसा माना जाता है कि ये वोटर कहीं न कहीं कांग्रेस के परंपरागत मतदाता थे। जिस तरह से अब्दुल मजीद मैदान में उतरे तो इसमें बंटवारा हो गया और टीएस बाबा का गेम बिगड़ गया।

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