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IMF प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने G20 देशों से आर्थिक सुधार और ऋण स्थिरता पर दिया जोर.
जोहान्सबर्ग: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने G20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक गवर्नरों को सार्वजनिक ऋण को स्थिर करने और वित्तीय सुरक्षा उपायों को मजबूत करने की सलाह दी।
यह बैठक गुरुवार को केप टाउन, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हुई, जो 2025 के लिए G20 की अध्यक्षता कर रहा है।
उन्होंने कहा कि अधिकांश देशों को अपने घरेलू राजस्व को बढ़ाना और सार्वजनिक खर्च को अधिक कुशल बनाना होगा, ताकि वे आर्थिक झटकों से निपटने और दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित कर सकें।
आर्थिक सुधारों की आवश्यकता:
- जॉर्जीवा ने कहा कि देशों को उत्पादकता बढ़ाने और आर्थिक विकास के लिए साहसिक सुधारों को अपनाना होगा।
- उन्होंने नवाचार, शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने और स्मार्ट नियमन को बढ़ावा देने की अपील की।
- उन्होंने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) जैसी नई तकनीकों को अपनाना देशों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
वैश्विक सहयोग की जरूरत:
- जॉर्जीवा ने माना कि सिर्फ घरेलू सुधार पर्याप्त नहीं होंगे, बल्कि बाहरी समर्थन भी आवश्यक होगा।
- विदेशी निवेश को बढ़ाने, सुधारों को लागू करने और वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है।
- उन्होंने कहा कि कई देशों को अपने ऋण पुनर्गठन की आवश्यकता होगी, क्योंकि अधिक ब्याज भुगतान और ऋण चुकाने की जिम्मेदारी उनके आर्थिक विकास को बाधित कर रही है।
ऋण संकट और समाधान:
- उन्होंने कहा कि ऋण संकट को दूर करने के लिए ऋण पुनर्गठन प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और तेजी लाने की जरूरत है।
- उन्होंने कॉमन फ्रेमवर्क जैसे मौजूदा वैश्विक पहल पर जोर दिया, जिससे ऋण समाधान की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके।
- IMF प्रमुख ने कहा कि अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए अधिक निजी निवेश को आकर्षित करने की भी आवश्यकता है।
मुख्य बिंदु:
- IMF प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने G20 बैठक में आर्थिक स्थिरता पर जोर दिया।
- सार्वजनिक ऋण को स्थिर करने और वित्तीय सुरक्षा बढ़ाने की सलाह दी।
- घरेलू राजस्व बढ़ाने और सरकारी खर्च को कुशल बनाने की जरूरत बताई।
- आर्थिक सुधारों के लिए नवाचार, शिक्षा और स्मार्ट नियमन पर जोर दिया।
- AI जैसी तकनीकों को तेजी से अपनाने की सिफारिश की।
- विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए नीतिगत बदलाव की आवश्यकता बताई।
- उच्च ब्याज भुगतान और ऋण पुनर्भुगतान को देशों की आर्थिक वृद्धि के लिए खतरा बताया।
- ऋण पुनर्गठन प्रक्रियाओं को तेज और पारदर्शी बनाने की वकालत की।
- कॉमन फ्रेमवर्क को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया।



