यह निर्णय मंगलवार को जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और अमित शर्मा की पीठ ने दिया।
सुनवाई का कारण:
- न्यायालय ने कहा कि अन्य मामलों की व्यस्तता के कारण सुनवाई मंगलवार को शुरू करना संभव नहीं है।
- शिवकुमार के वकील ने कहा कि उनके तर्कों में “आधा दिन” लग सकता है क्योंकि इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल हैं।
याचिका का विवरण:
- शिवकुमार ने 2022 में हाई कोर्ट का रुख किया था और 2020 में ED द्वारा दर्ज ECIR (शिकायत) और सम्मनों को रद्द करने की मांग की थी।
- उन्होंने तर्क दिया कि ED द्वारा की जा रही यह जांच 2018 के एक अन्य मामले की पुनः जांच के समान है।
- उनके वकीलों ने दावा किया कि यह दूसरी जांच कानून के दुरुपयोग और शक्ति के गलत इस्तेमाल का मामला है।
ED का पक्ष:
- ED ने तर्क दिया कि दोनों ECIR अलग-अलग मामलों पर आधारित हैं।
- पहले मामले में 8.59 करोड़ रुपये की आपराधिक साजिश का आरोप था, जबकि दूसरे में 74.93 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति का मामला है।
- जांच एजेंसी ने कहा कि आय से अधिक संपत्ति का यह मामला सीबीआई की एफआईआर से जुड़ा है, जो अक्टूबर 2020 में दर्ज हुई थी।
अन्य विवरण:
- कोर्ट ने मई 2023 में आदेश दिया था कि ED शिवकुमार के खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई नहीं करेगा।
- ED ने यह भी कहा कि जांच के प्रारंभिक चरण में “डबल जियोपार्डी” का तर्क देना अनुचित है।
अगली सुनवाई:
यह मामला अब 23 जनवरी को सुना जाएगा।