आदेश का विवरण:
- प्रोफेसर उमेश राय का कार्यकाल 5 अप्रैल 2025 को समाप्त हो रहा था। एलजी ने जम्मू-कश्मीर विश्वविद्यालय अधिनियम 1969 की धारा 12(5) का हवाला देते हुए उनका कार्यकाल तीन वर्षों के लिए बढ़ाया।
- प्रोफेसर नजीर गनई का कार्यकाल 16 दिसंबर को समाप्त हो रहा था। सिन्हा ने शेर-ए-कश्मीर विश्वविद्यालय अधिनियम की धारा 25(2) के तहत उनके कार्यकाल में वृद्धि की।
उमर अब्दुल्ला का विरोध:
3 दिसंबर को उमर अब्दुल्ला ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक में पुनर्नियोजन, विस्तार, अतिरिक्त प्रभार और अटैचमेंट पर रोक लगाने का आदेश दिया था। उमर ने कहा था, “हमें इस प्रथा को समाप्त करना चाहिए।”
एलजी के विशेषाधिकार:
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 के तहत, एलजी को विशेष अधिकार दिए गए हैं। इस अधिनियम के अनुसार, एलजी का निर्णय अंतिम होगा, और इसे चुनौती नहीं दी जा सकती। पहले यह अधिकार मुख्यमंत्री के पास था।
बिजनेस रूल्स की कमी:
उमर सरकार बिजनेस रूल्स तय नहीं कर पाई है, जिससे प्रशासनिक निर्णय लेने में अड़चनें आ रही हैं। कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है।
कांग्रेस का बयान:
कांग्रेस नेता तारिक कर्रा ने कहा, “डेमोक्रेटिक सिस्टम के लिए यह स्थिति ठीक नहीं है। बिजनेस रूल्स न बनने से प्रशासन में दोहरी समस्या हो रही है।”
सरकार की स्थिति:
16 अक्टूबर को शपथ लेने के बाद उमर सरकार दो महीने पूरे करने वाली है, लेकिन बिजनेस रूल्स के अभाव में सरकार बड़े प्रशासनिक फैसले नहीं ले पा रही है।