हालांकि, इस आयोजन को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं और चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप भी लग रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार, इस ‘नौकरी मेले’ का आयोजन एक गैर-सरकारी संगठन द्वारा किया गया था। बंगले के बाहर एक बड़े होर्डिंग पर ‘हर घर नौकरी’ और एनजीओ का नाम ‘राष्ट्रीय स्वाभिमान’ मोटे अक्षरों में लिखा हुआ था, जिसमें भाग लेने वाली 51 कंपनियों के नाम सूचीबद्ध थे।
हालांकि, इस आयोजन के आयोजकों ने चुनाव आयोग से अनुमति लेने से इनकार कर दिया और इस बारे में कोई भी जानकारी साझा करने से मना कर दिया। इस घटना के बाद चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है।
यह मामला क्यों महत्वपूर्ण है:
यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस तरह के आयोजन चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माने जाते हैं। ऐसे आयोजनों का उपयोग मतदाताओं को लुभाने के लिए किया जा सकता है।



