यह समिति राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) की अध्यक्षता में कार्य करेगी और कानूनी पहलुओं के साथ अन्य राज्यों के कानूनों का अध्ययन करके उचित सुझाव देगी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अंतरधार्मिक विवाह गलत नहीं है, लेकिन धोखाधड़ी और झूठी पहचान के जरिए किए गए विवाह पर कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और केरल हाई कोर्ट ने भी ‘लव जिहाद’ की सच्चाई को लेकर टिप्पणी की है।
इस मुद्दे पर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि “यह बस ‘अंकल सरकार’ बनाने की कोशिश है, जो तय करेगी कि लोग किससे शादी करें, क्या खाएं, कौन-सी भाषा बोलें और किस धर्म को मानें।”
उन्होंने सवाल किया कि क्या नागरिकों की निजता का अधिकार खत्म हो गया है? उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यक्ति को अपनी पसंद के धर्म और जीवनसाथी को चुनने का मौलिक अधिकार है।
सरकार द्वारा जारी किए गए सरकारी प्रस्ताव (GR) में कहा गया है कि समिति जबरन धर्मांतरण को रोकने के लिए कानूनी उपाय सुझाएगी और नए कानून की सिफारिश कर सकती है।



