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संजय राउत ने साहित्य सम्मेलन में शिवसेना (UBT) पर की गई टिप्पणियों पर सफाई मांगी.

शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने रविवार को 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के आयोजकों से सफाई मांगी।

दिल्ली में आयोजित इस साहित्य सम्मेलन में शिवसेना नेता नीलम गोऱ्हे ने उद्धव ठाकरे गुट पर गंभीर आरोप लगाए।

नीलम गोऱ्हे ने दावा किया कि शिवसेना (UBT) में पदों को पैसे और मर्सिडीज गाड़ियों के जरिए बांटा जाता है।

राउत ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि साहित्य सम्मेलन का मंच राजनीतिक विवाद के लिए इस्तेमाल किया गया।

उन्होंने अखिल भारतीय मराठी साहित्य महामंडल की अध्यक्ष उषा तांबे को पत्र लिखा और आयोजकों से स्पष्टीकरण मांगा।

राउत ने कहा कि सम्मेलन में कई ऐसे मुद्दे उठाए गए जिनका साहित्य से कोई संबंध नहीं था।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरा आयोजन राजनीतिक दबाव में हुआ।

राउत ने अपने पत्र की एक कॉपी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (ट्विटर) पर भी साझा की।

उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसे विवादित बयानों की जिम्मेदारी कौन लेगा।

राउत ने आयोजकों से इस पर तुरंत स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

उन्होंने कहा कि साहित्य का मंच विचारों और संस्कृति के आदान-प्रदान के लिए होता है, न कि राजनीतिक झगड़ों के लिए।

शिवसेना (UBT) नेताओं ने भी इस मामले पर नाराजगी जताई है।

उन्होंने आयोजकों से आगे से ऐसे मंचों का दुरुपयोग रोकने की अपील की।

राउत के बयान के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।

शिवसेना (शिंदे गुट) के नेताओं ने राउत के आरोपों को खारिज किया।

उन्होंने कहा कि राउत खुद राजनीति में साहित्य का उपयोग कर रहे हैं।

नीलम गोऱ्हे के बयान के बाद शिवसेना (UBT) और शिंदे गुट में एक बार फिर तकरार बढ़ गई है।

अब देखना होगा कि आयोजक इस विवाद पर क्या जवाब देते हैं।

महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना के दोनों गुटों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है।

यह विवाद आने वाले चुनावों को देखते हुए और गर्मा सकता है।

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