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हिंदी बनाम क्षेत्रीय भाषाओं का मुद्दा, अमित शाह के दौरे पर विरोध प्रदर्शन की तैयारी.

चेन्नई: तमिलनाडु में हिंदी भाषा थोपने के मुद्दे पर विवाद बढ़ता जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने भोजपुरी, अवधी, ब्रज, गढ़वाली समेत कई भारतीय भाषाओं के अस्तित्व पर संकट की बात कही है। उन्होंने कहा कि “एकरूपी हिंदी पहचान थोपने से प्राचीन भाषाएं खत्म हो रही हैं।”

हिंदी के प्रभाव पर मुख्यमंत्री की चिंता

मुख्यमंत्री ने कहा, “उत्तर प्रदेश और बिहार कभी सिर्फ हिंदी भाषी क्षेत्र नहीं थे। वहां भोजपुरी, मैथिली, अवधी, ब्रज, बुंदेली, मगही जैसी भाषाएं बोली जाती थीं, लेकिन अब वे संकट में हैं। तमिलनाडु इसका विरोध इसलिए करता है क्योंकि हमें पता है कि यह कहां जाकर खत्म होगा।”

अमित शाह के दौरे पर तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन की घोषणा

तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी (TNCC) के अध्यक्ष सेल्वापेरुणथगई ने ऐलान किया कि 26 फरवरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कोयंबटूर दौरे के दौरान काला झंडा दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

TNCC अध्यक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

  • अमित शाह नई शिक्षा नीति और तीन-भाषा नीति को आगे बढ़ा रहे हैं।
  • उन्होंने संसद में भीमराव अंबेडकर पर कथित रूप से हमला किया।
  • केंद्र सरकार तमिलनाडु की संस्कृति और भाषा के खिलाफ काम कर रही है।

तमिल संगठनों ने भी किया प्रदर्शन का ऐलान

तमिल संगठनों और राज्य की कई पार्टियों ने भी अमित शाह के दौरे के खिलाफ प्रदर्शन करने की घोषणा की है।

केंद्र सरकार ने दी सफाई

केंद्र सरकार ने कहा कि तमिल भाषा के सम्मान को ठेस नहीं पहुंचाई जा रही है और हिंदी किसी भी राज्य पर थोपी नहीं जा रही।

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