झालावाड़: राजस्थान के अंता से भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा ने बुधवार को 20 साल पुराने एक आपराधिक मामले में मनोहर थाना अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें एक सरकारी अधिकारी को पिस्तौल दिखाकर धमकाने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में तीन साल की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज करते हुए दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया था।
कोर्ट में पेश होने से पहले विधायक मीणा ने कमखेड़ा बालाजी मंदिर में पूजा अर्चना की और बालाजी का आशीर्वाद लिया। यह मामला दो दशक पुराना है, जिसमें मीणा पर एक अधिकारी को धमकाने का आरोप था। अकलेरा की एडीजे अदालत ने उन्हें तीन साल की सजा सुनाई थी, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा।
बाद में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में भी इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की। शुरुआत में एकल पीठ से उन्हें थोड़ी राहत मिली, लेकिन डबल बेंच ने वह राहत खारिज करते हुए दो सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण का आदेश दिया। अब विधायक मीणा को न्यायिक हिरासत में लिया गया है और आगे की प्रक्रिया जारी है।


