धार्मिक आयोजनों में श्रद्धालुओं के बीच ‘दिल मांगे मोर’ के नाम से प्रसिद्ध चंबल का घुटना आलू एक विशेष आकर्षण होता है। यह व्यंजन अपनी अनोखी तैयारी और स्वाद के लिए जाना जाता है, जिसे बड़ी मात्रा में तैयार किया जाता है ताकि सभी आगंतुकों को परोसा जा सके।
इस लोकप्रिय व्यंजन को पचास क्विंटल से भी अधिक की विशाल मात्रा में तैयार करने के लिए जेबीसी (संभवतः बड़े आकार के बर्तन या मशीनें) का उपयोग किया जाता है। धार्मिक स्थलों पर होने वाले बड़े भंडारों और सभाओं में इस विशेष आलू की सब्जी को परोसने की परंपरा रही है, जो इसे और भी खास बना देती है।
चंबल क्षेत्र का यह घुटना आलू न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसे बनाने की प्रक्रिया भी अनूठी होती है। यही कारण है कि धार्मिक समागमों में आने वाले लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं और इसकी मांग हमेशा बनी रहती है।



