मिली जानकारी के अनुसार, मृतक छात्रा की पहचान प्रकृति लम्साल के रूप में हुई है। वह ‘कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी’ (केआईआईटी) में बीटेक तृतीय वर्ष की छात्रा थी।
कैम्पस में स्थिति तनावपूर्ण होने के बाद केआईआईटी प्रशासन ने कई नेपाली छात्रों को कथित तौर पर छात्रावास से बाहर कर, उनके लिए यात्रा का प्रबंध किए बिना उन्हें कटक रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया।
नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली ने इस मामले पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि सरकार इस मामले को राजनयिक माध्यमों से देख रही है और संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है। ओली ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “नई दिल्ली स्थित हमारे दूतावास ने ओडिशा में प्रभावित नेपाली छात्रों को परामर्श देने के लिए दो अधिकारियों को भेजा है। इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया गया है कि वे अपनी इच्छा के अनुसार या तो छात्रावास में रह सकते हैं या स्वदेश लौट सकते हैं।”
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है? यह खबर भारत और नेपाल के बीच के संबंधों को दर्शाती है। यह दिखाता है कि दोनों देशों के बीच लोगों के आदान-प्रदान कितना गहरा है। यह खबर यह भी दर्शाती है कि जब किसी विदेशी छात्र के साथ ऐसी घटना होती है तो दोनों देशों की सरकारें कितनी गंभीरता से लेती हैं।



