झारखंड के सिपाही-हवलदारों का आंदोलन : काला बिल्ला लगाकर कर रहे ड्यूटी

झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन से जुड़े राज्य भर के 73 हजार सिपाही-हवलदारों का आंदोलन बुधवार से शुरू हो गया। पहले चरण में पुलिस के जवान काला बिल्ला लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं। राजधानी रांची से लेकर राज्य के सभी जिलों ड्यूटी पर जाने से पहले पुलिस के जवानों ने अपनी वार्दी पर काला बिल्ला लगाया। झारखंड विधानसभा में ड्यूटी पर तैनात सुरक्षा कर्मी भी काला बिल्ला लगाकर खड़े थे।
विधानसभा में भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने पुलिस के जवानों की मांगों का समर्थन किया। उनके समर्थन में काला बिल्ला लगाया। झारखंड पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय ने बताया कि एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने के लिए कई बार समय मांगा, लेकिन असफलता हाथ लगी।
आंदोलन के द्वितीय चरण में आगामी 21 मार्च को सभी जिला-वाहिनी, पोस्ट व पिकेट का मेस बंद रहेगा। सभी जवान एक दिन के सामूहिक उपवास पर रहेंगे। इस पर भी सरकार ने कोई पहल नहीं की तो आंदोलन के तृतीय चरण में 31 मार्च को एसोसिएशन के पदाधिकारी-सदस्य अपने-अपने जिला,वाहिनी मुख्यालय में एक दिवसीय धरना देंगे और वहां के विभागाध्यक्ष को अपनी मांग पत्र सौंपगे। इसके बाद भी इनकी मांगों पर विचार नहीं हुआ तो आंदोलन के चौथे चरण में पांच दिनों के सामूहिक अवकाश पर चले जाएंगे।
कुछ ऐसे ही मांगों
पुलिस जवानों की मांग है कि 20 दिनों का क्षतिपूर्ति अवकाश पहले की तरह बहाल करें। पुलिसकर्मियों को मिलने वाले एक माह के अतिरिक्त वेतन में त्रुटि का निदान करें। एसीपी-एमएसीपी से संबंधित आदेश में त्रुटि का निराकरण करें। सातवें वेतन के अनुरूप वर्दी, राशन, धुलाई, विशेष कर्तव्य, आरमोरर, चालक, दुह, राइफल, तकनीकी, शिक्षण व प्रशिक्षण भत्ते लागू हों। जवानों को बेहतर इलाज के लिए मेडिक्लेम की व्यवस्था या प्रतिपूर्ति की जटिल प्रक्रिया को समाप्त किया जाय। राज्य में तनाव के कारण आए दिन जवान आत्महत्या कर रहे हैं, इसे रोकने के लिए सार्थक पहल किया जाय।
उग्रवादी अभियान में लगे जवानों की सुविधा बढ़े, मनोबल बढ़ाया जाय। नए वाहिनी एवं राज्य के कई जिलों में पुलिसकर्मियों का कार्यालय, पारिवारिक आवास भवन व बैरक का निर्माण किया जाय। वर्ष 2004 के बाद बहाल जवानों के लिए पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाय। शिकायत कोषांग, स्थानांतरण समिति, अनुकंपा समिति में पुलिस मेंस एसोसिएशन को सदस्य रखा जाय। मुसहरी कमेटी के अनुरूप जवानों को आठ घंटे की ड्यूटी व साप्ताहिक अवकाश प्रदान की जाय।
केंद्र के अनुरूप झारखंड पुलिस के जवानों के भी दो बच्चे-बच्चियों की पूरी शिक्षा का खर्च दिलाया जाय। राज्य के उन्नति में बलिदान देने वाले झारखंड पुलिस के जवानों के आश्रितों को भू-खंड देने के लिए नीति बनाएं व उनके जीविकोपार्जन के लिए गैस एजेंसी-पेट्रोल पंप की पात्रता की अनुशंसा की जाय। कानून व्यवस्था स्थापित करने में अपनी जान गंवाने वाले सिपाही-हवलदार को शहीद का दर्जा देते हुए राजकीय स्तर पर पुलिसकर्मी के पार्थिव शरीर की अंत्येष्टि के स्थान पर बंदूक से सलामी दी जाए।
Source : Dainik Bhaskar


