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मुझे पीने का शौक… रोज 18 लाख बोतलें गटक जाते हैं दिल्लीवाले, कमाई का पैमाना भी कम नहीं

कहा जाता है कि शौक बड़ी चीज है और बात दिल्लीवालों की हो तो क्या कहने। जी हां, रोज करीब 18 लाख शराब की बोतलें यहां बिक जाती हैं। मौजूदा एक्साइज पॉलिसी में रोज सरकार के खजाने में 21 करोड़ रुपये का राजस्व इकट्ठा होता है। नई आबकारी नीति 2021-22 के 10 महीने से भी कम अवधि के दौरान दिल्ली सरकार को करीब 5,576 करोड़ रुपये की आय हुई थी। इसमें 12.5 करोड़ बोतल शराब की बिक्री पर वैट से हुई 540 करोड़ की आमदनी भी शामिल है। यह समय 17 नवंबर 2021 से 31 अगस्त 2022 का था। बाद में कथित अनियमितताओं के आरोप में सीबीआई के केस दर्ज करने के बाद दिल्ली सरकार ने आबकारी नीति वापस ले ली। अब मौजूदा आबकारी नीति के तहत रोज करीब 18 लाख शराब की बोतलें बिक रही हैं। वापस ली गई नई आबकारी नीति के तहत रोज करीब 4.4 लाख बोतलें बिक रही थीं और सरकार को 19.4 करोड़ रुपये की आय रोज हुई थी।

दो शराब नीतियां और कमाई का पैमाना
वैसे दोनों आबकारी नीतियों की तुलना नहीं की जा सकती है क्योंकि इस समय राजस्व एक्साइज ड्यूटी के जरिए लिया जाता है जबकि पिछले सिस्टम में आय लाइसेंस शुल्क पर आधारित थी। इसके अलावा, 2021-22 की आबकारी नीति में कुछ समस्याएं थीं और पहले कुछ हफ्तों में शहर में कुछ ही दुकानें काम कर रही थीं। कोरोना लहर ने भी दुकानों को एक सप्ताह के लिए बंद करने के लिए मजबूर कर दिया था और जब नई मार्केटिंग टेक्निक के कारण व्यवसाय में तेजी आने लगी, तब तक खुदरा विक्रेता (सभी प्राइवेट) नुकसान के कारण शटर गिराने लगे। जून में अनियमितताओं के आरोपों ने व्यवसाय को और प्रभावित किया और जब सरकार ने आबकारी नीति को वापस लेने का फैसला किया तब केवल 350 रिटेल शॉप ही चल रही थीं।

शराब नीतिरेवेन्यूवैटरोज कमाईरोज बोतलें बिकींकुल बोतलें बिकीं
पुरानी (1 सितंबर 2022 से 31 अगस्त 2023)5271.7 करोड़2013.4 करोड़21.1 करोड़17.9 लाख61.7 करोड़
नई (17 नवंबर 2021 से 31 अगस्त 2022)5,036 करोड़540 करोड़19.4 करोड़4.4 लाख12.5 करोड़

दिल्ली में अब शराब की 638 दुकानें
पुरानी आबकारी व्यवस्था में शिफ्ट होने के बाद, सरकार ने चार सरकारी निगमों- दिल्ली राज्य औद्योगिक और बुनियादी ढांचा विकास निगम, दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम, दिल्ली कंज्यूमर कोऑपरेटिव होलसेल स्टोर और दिल्ली राज्य नागरिक आपूर्ति निगम लिमिटेड की ओर से संचालित 300 दुकानों के माध्यम से शराब की खुदरा बिक्री शुरू की। एक महीने के भीतर यह संख्या बढ़कर लगभग 460 हो गई और अब एक साल में 638 हो गई है।

प्रीमियम का शौक भी पूरा होगा
आबकारी विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा दुकानें खोलने और प्रीमियम दुकानों को जोड़कर ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राजधानी में इस समय लगभग 50 प्रीमियम शॉप्स हैं। चार सरकारी उपक्रम भी शराब की खुदरा बिक्री से अच्छा लाभ कमाने में कामयाब रहे हैं। DTTDC ने 182 दुकानों के नेटवर्क से 155 करोड़ रुपये, DSIIDC ने 180 दुकानों से 155 करोड़ रुपये, DCCWS ने 139 शराब की दुकानों से 114 करोड़ रुपये और DSCSC ने 127 दुकानों की श्रृंखला से 86 करोड़ रुपये का लाभ कमाया।

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