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नोएडा एक्सटेंशन तक कैसे जाएगी मेट्रो? पता चल रहे ये तीन ट्विस्ट

हाल के वर्षों में लोग इस उम्मीद में नोएडा एक्सटेंशन में बस रहे हैं कि जल्द ही मेट्रो आ जाएगी। ग्रेटर नोएडा में मेट्रो शुरू भी हो चुकी है लेकिन एक्सटेंशन में लोगों का इंतजार खत्म नहीं हो रहा है। पिछले दिनों खबर आई थी कि दिवाली के आसपास काम शुरू हो सकता है। अब ग्रेटर नोएडा वेस्ट तक मेट्रो के जाने से पहले तीन ट्विस्ट आ गए हैं। जी हां, एक्सटेंशन मेट्रो पर आगे बढ़ने से पहले शहरी विकास मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण सवाल पूछा है। यह सवाल शायद आपके भी मन में उठता होगा। दिल्ली से आ रहे लोग नोएडा सेक्टर 52 मेट्रो स्टेशन पर उतरकर ग्रेटर नोएडा जाने के लिए 400 मीटर पैदल क्यों चलेंगे? एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अफसरों ने दोनों स्टेशनों- यानी सेक्टर 51 और 52 को खड़ा करने में लापरवाही बरतने पर नाराजगी भी जताई है।

दरअसल, यह सवाल इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि अभी सेक्टर 52 मेट्रो स्टेशन से उतरकर 51 स्टेशन पर जाने के लिए लोगों को काफी परेशानी होती है। सीढ़ी से पैदल उतरिए और फिर कुछ दूरी चलकर एक्वा मेट्रो लीजिए। कुछ दिन पहले शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों और नोएडा मेट्रो के अधिकारियों ने दोनों मेट्रो स्टेशनों का दौरा किया और दोनों के बीच कनेक्टिविटी पर बात की। DMRC ने ही एक्वा लाइन के निर्माण में मुख्य भूमिका निभाई है। ऐसे में अब इस बड़ी चूक को सुधारने में भी दिल्ली मेट्रो लग गई है।

तीन विकल्प… और मेट्रो लेट?

वैसे, एक्वा लाइन के सेक्टर 51 और ब्लू लाइन के सेक्टर 52 मेट्रो स्टेशनों को कनेक्ट करने के लिए फुटओवर ब्रिज बनाने की तैयारी चल रही है। लेकिन मंत्रालय के अफसरों का कहना है कि 400 मीटर की दूरी ज्यादा है और अगर यात्री के पास सामान ज्यादा है तो वह इस परेशानी का सामना क्यों करना चाहेगा? उनका साफ कहना है कि यह दूरी कम होनी चाहिए। इस समय ग्रेटर नोएडा से दिल्ली जाने के लिए काफी लोग मेट्रो की जगह दूसरे साधन का इस्तेमाल करने लगे हैं। DMRC की लाइन पर इलेक्ट्रॉनिक सिटी तक भारी भीड़ हो रही है जबकि सेक्टर 51 से ग्रेटर नोएडा वाली NMRC की लाइन पर यात्री कम हैं। सेक्टर 52 मेट्रो स्टेशन पर रोज 45,000 यात्री आते जाते हैं जबकि सेक्टर 51 मेट्रो स्टेशन पर रोज 17,000 लोग होते हैं। सरकार का साफ मानना है कि दोनों मेट्रो स्टेशनों के बीच बेहतर लिंक न होने से ऐसा हो रहा है।

समझा जा रहा है कि तीन विकल्पों पर आगे विचार हो सकता है। पहला विकल्प- दोनों स्टेशनों यानी सेक्टर 51 और 52 मेट्रो के बीच 200 मीटर का स्काईवॉक बनाया जाए। दूसरा विकल्प- दोनों मेट्रो स्टेशन के बीच जमीन ढूंढकर हाल्ट बने। तीसरा विकल्प- सेक्टर 51 से एक्वा लाइन आगे सेक्टर 61 तक जाए। ब्लू लाइन के करीब से ही ग्रेनो वेस्ट को जोड़ने वाली लाइन शुरू हो।

इससे पहले मार्च में खबर आई थी कि 9 करोड़ खर्च करके नोएडा अथॉरिटी ने स्काईवॉक प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया है। यह 420 मीटर लंबा और 5 मीटर चौड़ा स्काईवॉक होगा। इसे 5 अक्टूबर तक पूरा करने की बात कही गई थी। ताजा घटनाक्रम को देखें तो एक्सटेंशन तक मेट्रो पहुंचने में देरी हो सकती है।

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