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पता है एक बच्चे की पढ़ाई का कितना है खर्च, ये हिसाब देख लीजिए, हर मां-बाप का दर्द समझ जाएंगे

आज किसी बच्चे को शहर के किसी अच्छे सीबीएसई या आईसीएसई स्कूल में पढ़ाने पर औसतन कितना खर्च आता है? खर्च में सिर्फ ट्यूशन फी नहीं है, आपको किताबों, यूनिफॉर्म, जूतों, ट्रांसपोर्ट वगैरह के लिए भी जेब ढीली करनी पड़ती है। इसके अलावा एक्स्ट्रा-करिकुलर ऐक्टिविटीज और ऐडमिशन फी का खर्चा होगा सो अलग। ऊपर से हर साल स्कूलों की तरफ से फी में मनमानी बढ़ोतरी। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक बच्चे की पढ़ाई-लिखाई पर आने वाले औसत खर्च की जानकारी जुटाई है। ये आंकड़ा अलग-अलग क्लास, अलग-अलग स्कूल और अलग-अलग शहर के हिसाब से थोड़ा कम या ज्यादा हो सकता है।

1 से 2 लाख ट्यूशन फी

तमाम स्कूल ट्यूशन फी के तौर पर सालाना 1 से 2 लाख रुपये तक वसूलते हैं। कुछ स्कूल ऐडमिशन फी भी लेते हैं तो 25000 से 1 लाख रुपये तक हो सकती है।

4 हजार से 12 हजार तक की किताबें

कुछ स्कूल दावा करते हैं कि वे अपना खुद का करिकुलम फॉलो करते हैं और वे किताबों को खुद ही किसी प्रिंटर से छपवाते हैं। ऐसे में पैरेंट्स के सामने स्कूलों से किताबें खरीदने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं होता। किताब पर जो कीमत छपी होती है, स्कूल वो पूरी कीमत वसूलते हैं। कुछ राज्यों में सरकारों ने स्कूलों के किताब बेचने पर पाबंदी लगाई हुई है। लेकिन स्कूल यहां भी चालाकी करते हैं। उनके यहां पढ़ाई जाने वाली किताबें उनके इन-हाउस पब्लिशर्स की ही होती हैं और वो खुद ही किताबें बेचते हैं। कार्रवाई से बचने के लिए तमाम स्कूल बहुत ही चालाकी दिखाते हैं। वे किताबें तो बेचते हैं लेकिन उसका पेमेंट कैश में लेते हैं। पूर्वी दिल्ली के एक अभिभावक ने एनबीटी ऑनलाइन को अपना अनुभव बताते हुए कहा कि बच्चों की स्कूल फी ऑनलाइन जमा करने के बाद जब उन्होंने किताबों के लिए भी ऑनलाइन पेमेंट की बात कही तो स्कूल वालों ने कहा कि इसके लिए तो कैश ही देना पड़ेगा

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