रेलवे की कमाई का कभी सुरक्षित रखवाला.
लोहे की तिजोरी राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में. नई दिल्ली: कभी रेलवे की कमाई का सुरक्षित रखवाला रही एक भारी-भरकम लोहे की तिजोरी अब राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में अपना स्थान पा चुकी है। लगभग 250 किलोग्राम वजनी यह तिजोरी अपनी विशिष्ट बनावट के लिए जानी जाती थी, जिसमें तीन अलग-अलग चाबियों से ताला खोले बिना पैसे निकालना संभव नहीं था।
यह तिजोरी भारतीय रेलवे के शुरुआती दिनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती थी, जब स्टेशनों पर दिनभर की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए इस तरह की मजबूत व्यवस्था की आवश्यकता होती थी। तीन अलग-अलग तालों की प्रणाली यह सुनिश्चित करती थी कि किसी एक व्यक्ति के लिए भी तिजोरी से अनाधिकृत रूप से पैसे निकालना संभव न हो। इन तीन चाबियों को आमतौर पर स्टेशन के तीन अलग-अलग जिम्मेदार अधिकारियों के पास रखा जाता था।
राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में इस ऐतिहासिक तिजोरी को प्रदर्शित करने का उद्देश्य लोगों को भारतीय रेलवे के अतीत और उसकी कार्यप्रणाली से परिचित कराना है। यह तिजोरी न केवल सुरक्षा का प्रतीक है, बल्कि उस दौर की तकनीकी और प्रशासनिक व्यवस्था का भी उदाहरण है। आगंतुक अब इस अनूठी तिजोरी को संग्रहालय में देख सकते हैं और रेलवे के इतिहास के एक महत्वपूर्ण पहलू के बारे में जान सकते हैं।



