मर्डर, रंगदारी, लूटपाट… अनिल दुजाना कौन है जिसे यूपी एसटीएफ ने मिट्टी में मिला दिया?
गैंगस्टरों को ‘मिट्टी में मिलाने’ की कवायद जारी है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खूंखार गैंगस्टर अनिल दुजाना को यूपी पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया है। दुजाना पर 62 से ज्यादा केस दर्ज थे। इनमें से 18 तो करीब मर्डर के थे। इसके अलावा रंगदारी, लूटपाट, जमीन पर कब्जा, कब्जा छुड़वाना और आर्म्स एक्ट के मामले भी थे। उस पर रासुका और गैंगस्टर एक्ट भी लग चुका था। गैंगस्टर सुंदर भाटी पर वह एके-47 से हमले का आरोपी था। ग्रेटर नोएडा के बादलपुर का दुजाना गांव कभी कुख्यात सुंदर नागर उर्फ सुंदर डाकू के नाम से जाना जाता था। 70 और 80 के दशक में सुंदर का दिल्ली-एनसीआर में खौफ था। उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक को जान से मारने की धमकी दे दी थी। अनिल नागर उर्फ अनिल दुजाना इसी दुजाना गांव का है । पुलिस रिकॉर्ड में 2002 में गाजियाबाद के कवि नगर थाने में इसके खिलाफ हरबीर पहलवान की हत्या का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था।क्राइम की दुनिया में कैसे रखे कदम?
महेंद्र फौजी और सतबीर गुर्जर की अदावत से पश्चिमी यूपी में गैंगवॉर की शुरुआत हुई थी। इसके बाद सुंदर भाटी और नरेश भाटी के बीच गैगवॉर होने लगी। दोनों कभी सतबीर के गुर्गे थे। सुंदर ने जिला पंचायत अध्यक्ष बन चुके नरेश भाटी की 2004 में हत्या कर दी थी। नरेश भाटी के भाई रणदीप और भांजे अमित कसाना ने बदला लेने की ठानी। इसमें उन्होंने दुजाना को भी शामिल किया। साहिबाबाद स्थित भोपुरा में नवंबर 2011 को सुंदर भाटी के साले की शादी थी। रणदीप, दुजाना और कसाना ने एक-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इसमें तीन लोग मारे गए थे। यह और बात है कि सुंदर भाटी बच निकला।




