ऐसे भी कोई हारता है… 14 साल बाद हुई राजस्थान की ऐसी दुर्गति, संजू के पास कोई जवाब नहीं
रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के खिलाफ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टी20 मैच में महज 59 रन पर ऑल आउट होने के बाद राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन काफी हताश नजर आए। मैच के बाद संजू ने कहा कि इस लचर प्रदर्शन का उनके पास अभी कोई जवाब नहीं है। जीत के लिए 172 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए राजस्थान की टीम आईपीएल इतिहास के तीसरे सबसे कम स्कोर पर सिमट गई। टीम महज 10.3 ओवर बल्लेबाजी कर पाई और उसे 112 रन की बड़ी हार का सामना करना पड़ा।
वेन पार्नेल (10 रन पर तीन विकेट), माइकल ब्रेसवेल (16 रन पर दो विकेट) और कर्ण शर्मा (19 रन पर दो विकेट) की उम्दा गेंदबाजी के सामने शिमरोन हेटमायर (19 गेंद में 35 रन) के अलावा राजस्थान का कोई भी बल्लेबाज नहीं चला। पावर प्ले में आधी टीम 28 रन पर पवेलियन लौट गई और इसके बाद उबर नहीं सकी। लीग के दूसरे हाफ में लगातार खराब प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर सैमसन ने प्रसारकों से कहा, ‘वास्तव में यह एक बड़ा प्रश्न है। मैं इसके बारे में सोच रहा था और कहां गलती हुई। माफ कीजिएगा मेरे पास इसका जवाब नहीं है।’
ओपनर बल्लेबाज जोस बटलर और यशस्वी जायसवाल सहित राजस्थान के चार बल्लेबाज खाता खोले बगैर आउट हुए, जबकि संजू सैमसन केवल चार रन ही बना सके। सैमसन ने कहा कि आईपीएल एक ऐसा टूर्नामेंट है जहां कुछ ही दिनों में उलटफेर हो सकता है। बता दें कि आरसीबी की टीम 14 साल बाद दूसरी बार 60 रन के भीतर सिमटी है। आखिरी बार साल 2009 में आरसीबी के खिलाफ ही वह 58 रन के स्कोर पर ऑलआउट हो गई थी।
उन्होंने कहा, ‘हम सभी आईपीएल के बारे में जानते हैं। हम जानते हैं कि कुछ दिनों में चीजें बदल सकती हैं। लीग चरणों के आखिर में मजेदार चीजें होती हैं। हमें मजबूत होना होगा, पेशेवर होना होगा और उस खेल के बारे में सोचना होगा।’
बड़ी हार के कारण राजस्थान का नेट रन रेट खराब हुआ है। टीम 13 मैचों में 12 अंक के साथ छठे स्थान पर है। इस विकेटकीपर बल्लेबाज ने कहा कि टीम की योजना पावरप्ले में अधिक रन बनाने की थी क्योंकि बाद में रन बनाना मुश्किल होता। यह योजना हालांकि विफल रही। उन्होंने कहा, ‘हम आमतौर पर पावरप्ले में आक्रामक बल्लेबाजी करते हैं लेकिन आज ऐसा नहीं हो पाया। हमारे प्रदर्शन का आकलन करने में कुछ समय लगेगा। टी20 क्रिकेट की यही प्रकृति है, आपको पावरप्ले में आक्रामक रूख अपनाना होता है। जब आपको पता है कि पिच बाद में धीमी हो जायेगी तो यह और जरूरी हो जाता है।’




