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नोटों कें बंडल… बेदाग नहीं रहा है रेलवे मुख्यालय का दामन, CBI और विजिलेंस ने मारे हैं तबाड़तोड़ छापे

यूपी के गोरखपुर में पूर्वोत्तर रेलवे के एक अधिकारी के बंगले पर अचानक सीबीआई का छापा पड़ने के बाद हड़कंप मच गया। सीबीआई की टीम ने दिन में करीब 3:00 बजे के आसपास पीसीएमएम के सी जोशी के बंगले पर छापा मार कर उन्हें रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। पूर्वोत्तर रेलवे में इसके पहले भी कई बार सीबीआई और विजिलेंस के छापे पड़ चुके हैं।

CBI Raid News

सिविल में तो आप लगातार कई बार सीबीआई और अन्य खुफिया एजेंसीयों के छापेमारी की बात सुनते रहे हैं। रेलवे जो केंद्र सरकार की एक बड़ी संस्था है जिसका एक अपना बहुत बड़ा परिवार और साम्राज्य है, हालांकि कई बार इससे जुड़ी खबरें सामने नहीं आ पाती, लेकिन रेलवे का दामन भी पाक साफ नहीं रहा है।

पूर्वोत्तर रेलवे में इसके पहले भी कई बार सीबीआई और बिजलेंस के छापे पड़ चुके हैं। हालिया मामले में मंगलवार को पूर्वोत्तर रेलवे में मुख्य सामग्री प्रबंधक के पद पर कार्यरत के सी जोशी के कौवा बाग स्थित बंगला नंबर 23 में दोपहर 3:00 बजे के आसपास अचानक सीबीआई की टीम पहुंची और उन्हें 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

सीबीआई की टीम उन्हें उनके कार्यालय लेकर आई और वहां से जरूरी फाइलें दस्तावेज, लैपटॉप व अन्य सामग्रियां कब्जे में लेकर वापस बंगले पहुंची और रात लगभग 12:00 बजे तक बंगले की तलाशी होती रही। इस दौरान सीबीआई की टीम ने कई अहम जानकारियां जुटाई जिन्हें वह आपने साथ ले गई। फिलहाल रेलवे का कोई भी अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर रहा है।

क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक रेलवे में स्टेशनरी और अन्य सामानों की आपूर्ति करने वाली फर्म मुक्ति एसोसिएट के प्रोपराइटर प्रणव त्रिपाठी जो अलहलादपुर के निवासी हैं। उनके द्वारा 9 तारीख को सीबीआई के हेड ऑफिस लखनऊ में लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी कि पीसीएम के सी जोशी उनसे 7 लाख रुपए की घूस मांग रहे हैं। रुपए न देने की एवज में उनकी फर्म का पंजीकरण निरस्त करने की धमकी दे रहे हैं। मुझे स्टोर डिपो के लिए सामानों की आपूर्ति का टेंडर मिला हुआ है, लेकिन उनके द्वारा 7 लाख की डिमांड की जा रही है।

सीबीआई द्वारा इस मामले में मुकदमा दर्ज कर अधिकारी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। लखनऊ से टीम भेजकर पीसीएम को उनके बंगले में ही रुपए के साथ पकड़ने की योजना बनाई तय हुआ कि यह रूपये ठेकेदार का आदमी उनके पास लेकर जाएगा। योजना के मुताबिक जैसे ही ठेकेदार का आदमी 5 लाख रुपए लेकर पीसीएम के बंगले पर पहुंचा और उन्हें रुपए से भरा ब्रिफकेस देने लगा इसी समय तुरंत सीबीआई की टीम ने छापा मारते हुए रुपए सहित पीसीएमएम को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

नोएडा स्थित मकान में भी सीबीआई की छापेमारी

अधिकारी से लेकर कर्मचारियों को सांप सूंघ गया, इस दौरान ज्यादातर अधिकारी और कर्मचारियों ने अपने मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिए कोई भी कुछ कहने और बोलने से कतरा रहा था रेल परिसर में हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था।

पूर्व में भी पड़ चुके हैं कई बार सीबीआई और बिजलेंस के छापे

आपको बता दें कि विजिलेंस की टीम ने इससे पहले भी 23 मार्च 2023 को गोरखपुर स्थित पूर्वोत्तर रेलवे के स्टोर डिपो और यांत्रिक कारखाने में छापेमारी की थी। दिल्ली से गोरखपुर पहुंची 6 सदस्यीय टीम के द्वारा देर शाम तक कार्यालय का निरीक्षण किया और संबंधित फाइलें खंगाल कर साथ ले गई थी।

इस दौरान भी खरीद फरोख्त के कई मामलों को लेकर अनियमितता बरतने का आरोप अधिकारियों पर लगा था। वही रेलवे में दवाई की सप्लाई को लेकर एक विशेष कंपनी को तबज्जो दिए जाने की बात सामने आई थी। खास बात यह है कि पूर्वोत्तर रेलवे के दफ्तरों में पिछले पांच माह में तीन बार सीबीआई का छापा पड़ चुका है।

-19 फरवरी 2013 को पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय स्थित स्क्रैप डिपो में सीबीआई टीम में छापेमारी की थी।

-1 मई 2014 को भी दिल्ली सीबीआई की टीम ने रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निर्माण के कार्यालय में छापेमारी की थी।

-22 जनवरी 2016 को मैं भी सीबीआई ने पूर्वोत्तर रेलवे के निर्माण संगठन विभाग में डिप्टी चीफ इंजीनियरों के चेंबर में छापेमारी की थी।

-8 अक्टूबर 2016 में भी सीबीआई द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे के निर्माण संगठन विभाग में अनियमितता की जांच को लेकर छापेमारी की थी, मामले से जुड़े इंजीनियर और अन्य लोगों से विस्तृत में पूछताछ के लिए उन्हें दिल्ली भी तलब किया गया था।

-15 फरवरी 2017 को भी सीबीआई की टीम ने पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक व पूर्व मुख्य संपर्क अधिकारी से पूछताछ की थी।

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