नागोर्नो काराबाख में अजरबैजान का हमला बढ़ा, आर्मेनिया भाग रहे हजारों लोग, जरूरी सामान लेकर घरों को छोड़ा
अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच नागोर्नो-काराबाख विवादित क्षेत्र है। हाल ही में अजरबैजान ने एक सैन्य अभियान शुरू किया था। हजारों जातीय अर्मेनियाई लोग बुधवार को नागोर्नो-काराबाख से अर्मेनिया के लिए भागे हैं। मंगलवार को 13,500 से ज्यादा लोग आर्मेनिया पहुंचे। सोमवार की शाम को एक गैस स्टेशन में हुए शक्तिशाली विस्फोट के बाद लोग और भी डरे हुए हैं और जितना जल्दी हो सके निकलने की कोशिश में हैं। जब यहां लोग अपनी गाड़ियों में तेल भरा रहे थे, तब धमाका हुआ, जिसमें 68 लोग मारे गए और 290 से ज्यादा घायल हो गए।
जिन लोगों के पास गाड़ियां नहीं हैं वो पैदल ही अपने जरूरी सामान लेकर जा रहे हैं। नोना पोघोस्यान नाम की महिला ने सोमवार की सुबह नागोर्नो-काराबाख में अपने घर के आसपास घूमते हुए बिताई। वह यह समझने की कोशिश में थीं कि क्या ले जाना है। उनके 9 साल के जुड़वा बच्चे भी अपनी खिलौनों को चुन रहे थे। आर्मेनिया का यह परिवार इस क्षेत्र से भागने वाले हजारों लोगों में शामिल होने वाला है। इस क्षेत्र में 1 लाख 20 हजार जातीय आर्मेनियाई लोग रहते हैं।
आर्मेनिया भाग रहे लोग
पिछले सप्ताह अजरबैजान के हमले से 200 से ज्यादा लोग मारे गए। इससे पहले काराबाख के अधिकारी रूस की मध्यस्थता वाले युद्धविराम पर सहमत हुए थे। अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने कहा कि उनके देश ने फिर से इस क्षएत्र पर अपनी संप्रभुता बहाल कर दी है। काराबाख के ज्यादातर लोग अजरबैजान में नहीं रहना चाहते, इसलिए वह आर्मेनिया भाग रहे हैं। हालांकि अजरबैजान का कहना है कि वह इस क्षेत्र में रहने वालों के सुरक्षा की गारंटी लेता है।
आर्मेनिया के लोगों को डर
अजरबैजान के आश्वासन के बावजूद आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पशिनियन और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने बार-बार इस क्षेत्र में आर्मेनियाई लोगों के जातीय सफाए को लेकर चेतावनी दी है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस क्षेत्र में कोई भी नहीं रहना चाहता है। नागोर्नो-काराबाख क्षेत्र आर्मेनिया और अजरबैजान के बीच तीन दशकों में दो युद्धों का कारण रहा है। अजरबैजान ने 19 सितंबर 2023 को इस क्षेत्र पर हमला शुरू किया।




