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असम सरकार ने NEET परीक्षा में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की.
गुवाहाटी: असम सरकार ने केंद्र सरकार से मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) के दौरान सुरक्षा कड़े करने की मांग की है।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि छात्रों के उच्च अंक लाने के बावजूद उनकी व्यावहारिक और शैक्षणिक ज्ञान सीमित पाया गया है।
मुख्य बिंदु:
- असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को इस संबंध में घोषणा की।
- उन्होंने बताया कि मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों ने छात्रों की कमजोरियों की शिकायत की थी।
- शिक्षकों का कहना था कि कई छात्र NEET में अच्छे अंक लाने के बावजूद अपेक्षित ज्ञान नहीं रखते।
- इस मामले की जांच के लिए एक विशेष शाखा को डेढ़ साल पहले नियुक्त किया गया था।
- जांच में पता चला कि अधिकांश परीक्षा केंद्र निजी संस्थानों में स्थित थे, न कि सरकारी स्कूलों या कॉलेजों में।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि कैबिनेट ने इस विषय पर तीन महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं।
- पहला, NEET परीक्षा केवल सरकारी स्कूलों में आयोजित कराने का अनुरोध किया जाएगा।
- दूसरा, परीक्षा का संचालन जिला आयुक्त और पुलिस अधीक्षक की सीधी निगरानी में कराने का प्रस्ताव रखा जाएगा।
- तीसरा, परीक्षा केंद्रों पर प्रवेश से पहले छात्रों के बायोमेट्रिक सत्यापन की मांग की जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कदमों से मेडिकल प्रवेश परीक्षा में पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
- राज्य सरकार ने मुख्य सचिव को NTA के महानिदेशक और केंद्रीय शिक्षा सचिव से संपर्क करने का निर्देश दिया है।
- मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि वह स्वयं केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से इस मामले पर चर्चा करेंगे।
- सरकार को संदेह है कि निजी संस्थानों में परीक्षा के दौरान गड़बड़ी हो रही है।
- बायोमेट्रिक जांच से फर्जी परीक्षार्थियों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी।
- छात्रों के ज्ञान के स्तर में सुधार के लिए भी सरकार नई रणनीति बना रही है।
- राज्य सरकार मेडिकल शिक्षा को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा प्रणाली में किसी भी प्रकार की धांधली बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- इस फैसले का उद्देश्य NEET परीक्षा को निष्पक्ष बनाना है।
- छात्रों और अभिभावकों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है।
- असम सरकार का मानना है कि इन उपायों से योग्य छात्रों को उनका उचित स्थान मिलेगा।



