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भारत-पाकिस्तान का सबसे बवाली मैच, मारपीट छोड़कर सब हो गया, पैर पटकने लगे जावेद मियांदाद

भारत-पाकिस्तान का इतिहास विवादों से भरा हुआ है। मैदान पर जब भी दोनों टीमें आपस में टकराती हैं तो खिलाड़ियों के बीच भी तनातनी देखने को मिल जाती है। वर्ल्ड कप 2023 में शनिवार को भारत-पाकिस्तान अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में महामुकाबला होना है। इसी बहाने चलिए एक पुराना किस्सा याद करते हैं, जब मैदान पर भारी तनाव हो गया था। 1992 में पहली बार वर्ल्ड कप रंगीन कपड़ों में खेला गया। सिडनी में खेले गए उस मैच में जावेद मियांदाद और किरण मोरे का विवाद आज भी जेहन में ताजा है।

विवाद का दूसरा नाम मियांदाद
पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद को विवाद का दूसरा नाम माना जाता है। कभी वह डेनिस लिली से बहस कर जाते थे तो कभी अपने ही टीममेट अब्दुल कादिर को मैदान के बाहर चाकू लेकर डराने लगे थे। उस मुकाबले में भारत ने 49 ओवर में सात विकेट पर 216 रन बनाए थे। लक्ष्य आसान था, लेकिन पाकिस्तानी टीम सिर्फ 173 रन पर ही ढेर हो गई।

किरण मोरे बार-बार अपील करते थे
आमिर सुहैल ने 62 रन बनाए। सलीम मलिक 12 रन बनाकर पवेलिय़न लौट गए। कप्तान इमरान खान तो खाता तक नहीं खोल पाए। इसके बाद वसीम अकरम को विकेटकीपर किरण मोरे ने चार रन पर स्टंप कर दिया। इधर भारतीय प्लेयर्स में उत्साह बढ़ता गया उधर पाकिस्तानी खेमे में हताशा। किरण मोरे विकेट के पीछे बार-बार उछल-उछलकर अपील कर रहे थे।

…और जावेद भाई को आया गुस्सा
मैच में सचिन तेंदुलकर ने भी 10 ओवर गेंदबाजी की और एक विकेट भी चटकाया। उनके ओवर में मियांदाद अचानक भड़क गए थे। दरअसल, पाकिस्तानी मिडिल ऑर्डर की जान जावेद मियांदाद पर दबाव बनाया जा रहा था, जिसे खत्म करने के लिए उन्होंने अचानक पीछे पलटकर किरण मोरे से कुछ कहा और फिर मोरे की ही तरह कूदकर नकल उतारने लगे, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया। पश्चिमी मीडिया ने दूसरे दिन ‘जंपिंग जावेद’ की हेडिंग के साथ आर्टिकल छापी और मियांदाद की वह तस्वीर लोगों की याद का हिस्सा बन गई।

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